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जयपुर। बांसवाडा से भारत आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत ने अब MESA कानून को लेकर सोशल मीडिया के माध्यम से बड़ी बात कही है। उन्होंने जनजातीय गौरव दिवस मनाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तंज कसा है। उन्होंने पीएम मोदी से शीतकालीन सत्र में MESA कानून पारित करवाने की मांग की है।
राजकुमार रोत ने इस संबंध में आज एक्स के माध्यम से कहा कि संविधान के अनुच्छेद 243जेडसी (1) में स्पष्ट उल्लेख है कि अनुसूचित क्षेत्रों में नगर निकाय बनाना असंवैधानिक है, लेकिन संसद चाहे तो विशेष परिस्थिति एवं आदिवासियों के हितों को ध्यान में रखकर विशेष कानून MESA (Municipal Extension to Scheduled Areas) बनाकर इसे लागू कर सकती है।
रोत ने आगे कहा कि तत्कालीन केंद्र सरकार ने 2001 में लोकसभा में बिल पेश किया जिसे स्टैंडिंग कमेटी को भेज दिया। स्टैंडिंग कमेटी ने भी 2003 में इस बिल को मंजूरी दे दी, लेकिन 24 साल बीतने के बाद भी यह कानून पास नहीं किया जा रहा है, क्योंकि यह कानून आदिवासी समुदाय के हित में है।
राष्ट्रीय पार्टियों को भी पता है उनके आदिवासी नेता समाज को सिर्फ विकास का पापड़ बेलने व धर्म की चटनी चटाने से फुर्सत कहाँ है? पिछले 24 सालों से MESA कानून केंद्र में रुके होने से राज्य सरकारें धड़ल्ले से अनुसूचित क्षेत्रों में असंवैधानिक तरीके से लगातार नगर निकायों का गठन व विस्तार कर रही हैं। इसका दुष्परिणाम यह है कि नगर निकायों द्वारा आदिवासियों को उनकी पुश्तैनी जमीनों से अतिक्रमणकारी घोषित कर चाय में गिरी मक्खी की तरह बाहर निकालकर फेंकने का काम कर रही है। इसमें ताजा उदाहरण उदयपुर शहर में हुई बुलडोजर कार्यवाही है।
आदिवासी अब समझदार हो चुका है
रोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं अर्जुन मुंडा आदिवासी अब समझदार हो चुका है। आपके सिर्फ जनजातीय गौरव दिवस मना लेने से आपकी बातों में आने वाला नहीं है। यदि आप सच में आदिवासी हितैषी हैं तो इस शीतकालीन सत्र में MESA कानून पारित करवाकर आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा कर सिद्ध करें।
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