अदालत ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर मवेशियों की तस्करी के मामले में दाखिल आरोपपत्र का लिया संज्ञान

Samachar Jagat | Monday, 25 Apr 2022 12:04:04 PM
The court took cognizance of the chargesheet filed in the case of cattle smuggling along the Indo-Bangladesh border

नयी दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने भारत और बांग्लादेश सीमा पर मवेशी तस्करी गिरोह के कथित सरगना एवं तृणमूल कांग्रेस की युवा शाखा के पूर्व नेता विनय मिश्रा, मोहम्मद इनामुल हक और अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्बारा दाखिल किए आरोपपत्र का संज्ञान लिया है।


विशेष न्यायाधीश संजय गर्ग ने मिश्रा, उनके भाई विकास मिश्रा और मामले के अन्य आरोपियों को समन जारी कर उन्हें एक जून को अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है। न्यायाधीश ने 19 अप्रैल को अपने आदेश में कहा, '' मैंने शिकायत और मामले से जुड़े दस्तावेजों पर गौर किया है। आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू करने के लिए पर्याप्त सामग्री है। इसलिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं के तहत अपराध का संज्ञान लिया जाता है।’’


आरोपपत्र ईडी के विशेष लोक अभियोजक नितेश राणा के माध्यम से दाखिल किया गया था, जिन्होंने अदालत को बताया कि हक ने सीमा पार गतिविधियों के जरिए कई अपराधों को अंजाम दिया तथा उससे बड़ी मात्रा में धन अर्जित किया और कई कानूनों का उल्लंघन भी किया है। 


प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुसार, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के तत्कालीन कमांडर सतीश कुमार के खिलाफ कोलकाता में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्बारा प्राथमिकी दर्ज करने के बाद यह मामला दर्ज किया गया। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि हक के साथ कुमार और अन्य सरकारी कर्मचारी तथा अन्य कुछ लोग मवेशियों की तस्करी में शामिल थे।


यह आरोप लगाया गया था कि भारत और बांग्लादेश सीमा के जरिए मवेशियों की तस्करी हक के कहने पर की गई थी और उन्होंने इसे अंजाम देने के लिए सुरक्षा कर्मियों को रिश्वत दी थी। 



 

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