कानपुर। इंदौर-पटना एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना में घायल 202 यात्रियों में से अब केवल 83 कानपुर शहर के अस्पतालों और 10 कानपुर देहात जिले के अस्पतालों में बचे है। शेष मरीजों को इलाज के बाद उनके घर सरकारी बसों और ट्रेनों से भेज दिया गया है। अभी तक 105 शवों का पोस्टमार्टम हो गया है और उन्हें उनके परिजनो को सौंप दिया गया है और उन्हें सरकारी वाहनों से फ्री उनके घरों तक पहुंचाया जा रहा है।
कानपुर के मुख्य चिकित्साधिकारी सीएमओ डॉ. रामायण प्रसाद ने आज पीटीआई को बताया कि कल हुए ट्रेन हादसे में कानपुर शहर और कानपुर देहात के अस्पतालों में 202 घायल भर्ती किए गए थे इनमें से गंभीर 83 मरीजों को कानपुर के हैलट, उर्सला के अलावा कई प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती किए गए थे जो अभी तक भर्ती है और उनका इलाज किया जा रहा है।
इसी तरह कानपुर देहात के माती अस्पताल मेंं एक मरीज तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीएचसी देवीपुर में 9 मरीज अभी भर्ती हैं और वहां उनका इलाज चल रहा है। इन मरीजों की स्थिति में धीरे धीरे सुधार हो रहा है। जो गंभीर मरीज प्राइवेट अस्पतालों में भी भर्ती कराये गये है उनके इलाज का खर्च भी सरकार उठा रही है। शेष घायलों को इलाज के बाद घर भेज दिया गया है।
उन्होंने बताया कि अभी तक 105 शवों की पहचान हो चुकी है और उनका पोस्टमार्टम कराकर उनको उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। इन शवों को उनके घर तक ले जाने के लिये फ्री एंबुलेस और अन्य गाडिय़ों की व्यवस्था की गई है। अभी तक 24 शव बिहार , 25 शव मध्य प्रदेश तथा 56 शव उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में सरकारी गाड़ी से उनके घर भेजे जा चुके है।
जैसे -जैसे अन्य शवों की पहचान होती जाएगी वैसे वैसे उन्हें परिजनो के साथ फ्री एंबुलेंस और अन्य गाडिय़ों से भेज दिया जाएगा। प्रसाद ने बताया कि स्वास्थ विभाग के डाक्टरों की टीम 24 घंटे काम कर रही है और हम घायलों और उनके परिजनों को शिकायत का कोई मौका नहीं दे रहे हैं।