इन्टरनेट डेस्क। हम सब जानते है कि हिन्दू धर्म में किसी भी पूजा या शुभ कार्य होने पर माथे पर तिलक लगाने का परम्परा है।
इसके बिना पूजा प्रारम्भ ही नहीं मानी जाती है। इसके पीछे धार्मिक कारण के साथ ही वैज्ञानिक महत्व भी है। आइए जाने क्या कारण है तिलक लगाने का ....
शास्त्रों में बताया गया है की सफेद चंदन, लाल चंदन, कुमकुम, विल्वपत्र, भस्म आदि का तिलक लगाना बहुत अच्छा होता है।
अगर आप माथे पर तिलक धारण किये बिना हवन में आहुति देते है तो वह मान्य नहीं होती है। इसका फल नहीं प्राप्त होता है।
तिलक को हमेशा माथे के ठीक बीचो बीच के भौहों के मध्य भाग में धारण करना चाहिए।
हम लोग जब भी मंदिर जाते है तो अपने आप ही हमारे हाथ सिन्दूर उठा कर अपने माथे पर लगा लेते है। ये हमारी आदत में शामिल होता है।
माथे पर सिन्दूर लगाना बहुत फायदेमंद होता है क्योकि सिंदूर की तासीर गर्म होती है। जिसके कारन यह हमारे सर को गर्मी प्रदान करता है।
शास्त्रों के अनुसार सिंदूर लगाने से पहले कुछ बातो का ध्यान रखना आवशयक होता है। कभी भी बिना नहाये तिलक नहीं लगाना चाहिए।
हमेशा साफ सुथरे वस्त्र धारण करके उत्तर दिशा की ओर मुख करके माथे पर तिलक लगाना चाहिए।