नई दिल्ली। एक बार फिर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) क्रिकेट सट्टा मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सह-निदेशक जेपी सिंह समेत चार लोगों को करोड़ों रुपये की रिश्वत मामले में मंगलवार को दिल्ली से गिरफ्तार किया है।
जेपी सिंह के लिए रिश्वत की रकम हवाला कारोबारी के माध्यम से उनके एक रिश्तेदार ने दिल्ली में ली थी। सीबीआई मामले की जांच पड़ताल दो साल से कर रही थी।
खबरों के मुताबिक सह-निदेशक जेपी सिंह वर्ष 2000 बैच के आईआरएस अफसर हैं। आईआरएस अधिकारी सिंह के अलावा और जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें संजय कुमार प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी, विमल अग्रवाल तथा चंद्रेश पटेल (दोनों बिचौलिये) हैं।
बताया गया कि वह भी सेवानिवृत आईआरएस अफसर हैं। आईपीएल क्रिकेट सट्टे से जुड़े मनी लाड्रिंग के मामले की तफ्तीश जेपी सिंह कर रहे थे। उन दिनों जेपी सिंह अहमदाबाद प्रवर्तन निदेशालय में तैनात थे। तफ्तीश में संजय कुमार तथा एक अन्य अधिकारी भी सहयोग कर रहे थे।
सूत्रों ने बताया कि क्रिकेट सट्टे में फंसे आरोपियों को मदद करने के एवज में आईआरएस अधिकारी जेपी सिंह तथा उनके सहयोगी ने मदद पहुंचाने के एवज में रिश्वत में करोड़ों रुपये की डील की थी।
रकम हवाला के माध्यम से जब पहुंची तो इसकी भनक प्रवर्तन निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारियों को लगी। विभागीय स्तर पर प्रवर्तन निदेशालय विभाग ने जांच और एक शिकायत सीबीआई को सौंपी थी। जिसके आधार पर सीबीआई ने फरवरी 2015 में सह-निदेशक जेपी सिंह सहित अन्य लोक सेवक व अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
सीबीआई प्रवक्ता आरके गौड़ ने आरोपियों की पुष्टि करते हुए बताया कि चारों आरोपियों को पटियाला हाउस अदालत में पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर लिया गया है। सभी आरोपियों को 23 फरवरी (गुरुवार) को गुजरात गांधी नगर की अदालत में जज के समक्ष पेश किया जाएगा।