पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष और आईसीसी अध्यक्ष शशांक मनोहर ने बुधवार को आनन-फानन में अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
शशांक मनोहर ने बुधवार को डेव रिचर्डसन को चिट्ठी लिखकर इस्तीफे की जानकारी दी। हालांकि अभी इस्तीफे के सटीक कारणों का खुलासा तो नहीं हुआ है लेकिन बताया जा रहा है कि बीसीसीआई से टकराव के चलते उनपर काफी दबाव था जिसके चलते उन्होंने इस्तीफा दिया। वहीं शशांक मनोहर की तरफ से बयान आया है कि उनपर काम का काफी दबाव था जिसके चलते उन्होंने इस्तीफा दिया। शशांक को पद संभाले आठ माह ही बीते थे तथा उनका 16 माह का कार्यकाल शेष था।
जिस बीसीसीआई के बदौलत पहुंचे शिखर पर, ताकतवर बन उसी को दिखाई आंख:
शशांक मनोहर पूर्व में बीसीसीआई अध्यक्ष पद संभाल चुके हैं। दिग्गज क्रिकेट प्रशासक एन. श्रीनिवासन के स्थान पर अध्यक्ष बनाए गए शशांक मनोहर बीसीसीआई के वफादार प्रशासकों में से एक माने जाते थे। लेकिन जैसे ही उन्होंने आईसीसी प्रमुख का पद संभाला उनके तेवर बदल गए। ताकतवर होते ही उन्होंने बीसीसीआई को ही आँखें दिखाना शुरु कर दिया। शशांक बीसीसीआई के हर फैसले की काट करने में जुट गए।
बीसीसीआई के खिलाफ उनका सबसे बड़ा कदम रहा आईसीसी में तीन देशों के बोर्ड (भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड) का प्रभाव कम करना। शशांक मनोहर के इस फैसले से बीसीसीआई को आर्थिक नुकसान तो उठाना ही पड़ा साथ ही उसकी किरकिरी हुई सो अलग। सुनने में आ रहा है कि बीसीसीआई के खिलाफ उनकी बलदे की भावना से काम करने की नीति के कारण ही उनपर पद छोड़ने का दबाव बढ़ा।