नई दिल्ली। अपनों से प्यार किसको नहीं होता, लेकिन जब वही अपने हम से बिछड़ जाते है, तो उसका दुख सहा नहीं जाता। लेकिन इंडोनेशिया में एक ऐसा समुदाय है जहां के लोगों के लिए मौत खुशियां लेकर आती है। यहां किसी के मरने पर मातम नहीं बल्कि जश्न मनाया जाता है।
क्योंकि हर तीन साल बाद यहां मुर्दे घर लौटकर आते है। इंडोनेशिया के दक्षिण सुलेवासी प्रांत का टोराजा समुदाय अपनों से इतना प्यार करता है कि उनकी मौत के बाद भी उन्हें खुद से अलग नहीं कर पाता। उनके लिए मरे हुए लोग भी जिंदा होते हैं।
इस समुदाय के लोग मरे हुए इंसान के साथ जिंदा व्यक्ति की तरह ही व्यवहार करते हैं। उसे किसी जीवित इंसान की तरह खाना भी खिलाते हैं, सजाते संवारते हैं और उसके साथ फोटो भी लेते है। और तो और बकायदा इसके लिए खास समारोह किया जाता है।
जिसमें उत्सव होता है। परेड किया जाता है। लोग नाचते-गाते इस धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होते हैं। आमतौर पर मृत्यु होने के बाद अंतिम संस्कार जल्द से जल्द कर दिया जाता है। लेकिन इस समाज के लोग मृत्यु के बाद भी शव को शव नहीं मानते। यहां शव परिवार का ही हिस्सा होते हैं।
शव को घर में ठीक वैसे ही रखा जाता है जैसा वो व्यक्ति मरने से पहले था। ये लोग मृतक को बीमार व्यक्ति की तरह मानते हैं, जिसे ‘मकुला’ कहते हैं। भले ही ये रिवाज डरावना हो, भयानक हो लेकिन ये खौफनाक प्रथा टोराजा समुदाय के लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन गई है।