आज छोटे से लेकर बड़े तक सभी के ऊपर अपने जीवन में सफल होने व आगे बढ़ने का दवाब है इस दवाब से निपटने के लिए दिमाग के साथ शरीर का मजबूत होना भी जरूरी है। अगर आप मानसिक रूप से मजबूत हैं तो आप शारीरिक रूप से अपने आप मजबूत हो जाते है।आज का युग प्रतिस्पर्धा का युग है। हम आज आपको आज कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे है जिनके उपयोग के बाद आप मानसिक रूप से ताकतवर मजबूत करेंगे।
पौष्टिक आहार आवश्यक
पौष्टिक आहार जितना शारीर के लिए आवश्यक है उतनी ही मानसिक विकास के लिए। यदि बच्चों के उचित मात्रा में पौष्टिक आहार का सेवन कराया जाए तो उनके दिमाग का तीव्र विकास होता है। जिससे इनकी दिमाग मजबूत होता है।
दिमागी खेल खेले
बच्चों के दिमागी विकास और उन्हें बुद्धिमान बनाने के लिए जरूरी है कि बच्चों के साथ छोटे-छोटे दिमागी खेल खेले जाएं। पहले उन्हें विस्तार से बच्चों के मानसिक विकास में माता-पिता और घर के माहौल का अहम रोल होता है। जिस प्रकार बच्चों का शारीरिक विकास के लिए उनका काफी ध्यान रखा जाता है। उसी प्रकार मानसिक विकास के लिएभी आपको बच्चों को एक अच्छा माहौल और आपके प्यार और दुलार की जरूरत होती है।
ज्यादा प्यार व दुलार दे
वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक जो महिलाएं अपने नवजात को ज्यादा प्यार व दुलार देती हैं, उनके बच्चों के दिमाग के हिप्पोकेंपस क्षेत्र में ज्यादा नर्व कोशिकाएं बनती हैं। जिससे बच्चे का दिमाग तेजहोता है। मां से लगाव होने पर बच्चों के दिमागी विकास पर काफी असर होता है।
मां का दूध
मां का दूध बच्चे के दिमागी विकास के लिए बहुत जरूरी है। नवजात के लिए मां के दूध से अच्छा कोई भी आहार नहीं होता है। एकतरफ जहां स्तनपान से बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है, वहीं यह बच्चों के दिमागी विकास के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। डैनिश शोधकर्ताओं के मुताबिक स्तनपान करने वाले बच्चे ज्यादा स्वस्थ्य और बुद्धिमान होते हैं।
किताबों का साइकोलॉजी इम्पेक्ट
आज बच्चों के दिमागी विकास के लिए नयी-नयी तकनीक आ चुकी है लेकिन किताबों से मिलने वाले ज्ञान की कोई जगह नहीं ले सकता क्यों कि किताबें ज्ञान देने के साथ साथ साइकोलॉजी इम्पेक्ट करती है। किताबों से मिलने वाले ज्ञान को कैसे भूल सकते हैं। ज्यादातर बच्चों को किताबें पढ़ने का शौक होता है। आपको बच्चे की इस शौक में बाधा बनने की जगह उन्हें किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए। यह हर उम्र के बच्चों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इससे उन्हें हर तरह का ज्ञान मिलता है।
पर्याप्त नींद आवश्यक
पोषकतत्वों के अलावा, पर्याप्तनींद आवश्यक है। अमरीका में हुए एक अध्ययन के मुताबिक दोपहर में खाना खाने के बाद करीब एक घंटे की नींद लेने से बच्चों की याददाश्त बढ़तीहै। यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाच्युसेट्स के शोधकर्ताओं के मुताबिक दिमाग को मजबूत बनाने और सीखनेके लिए दोपहर की नींद बेहद अहम है।