नई दिल्ली। वित्तीय संकट से गुजर रही सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया को राहत पहुंचाते हुए सरकार ने उसके तहत वीवीआईपी विमानों के संचालन और रखरखाव खर्च को 200 करोड़ रुपए बढ़ाने को मंजूरी दे दी।

एयर इंडिया राष्ट्रपति, उप -राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए विशेष उड़ानों ’ का संचालन करती है। इन उड़ानों में बोइंग बी 747- 400 जैसे वीवीआईपी विमानों का इस्तेमाल किया जाता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिकमामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
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इससे वित्तीय संकट का सामना कर रही इस विमानन कंपनी को कुछ राहत पहुंचेगी। इस सम्बंध में जारी सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, सीसीईए ने ‘ स्पेशल एक्सट्रा सेक्शन फलाइट्स ’ संचालन के खर्च को वर्ष 2016- 17 के लिए 336.24 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 534.38 करोड़ रुपए कर दिया है।

कर का भुगतान इसके अतिरिक्त होगा। विमानों के रखरखाव के लिए 336.24 करोड़ रुपए की वार्षिक लागत को सीसीईए ने 2011 में तय किया था।
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वक्तव्य में कहा गया है कि रहन-सहन लागत सूचकांक में होने वाली वृद्धि, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए की विनिमय दर में गिरावट और विभिन्न उपकरणों की लागत बढऩे से इन विमानों का रखरखाव खर्च काफी बढ़ा है।
इन विमानों की उड़ानों का खर्च सम्बंधित मंत्रालयों द्वारा उठाया जाता है और एयर इंडिया को इसका भुगतान किया जाता है। एयर इंडिया के विनिवेश को फिलहाल स्थगित कर दिए जाने के बाद सरकार का यह निर्णय आया है।
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एयर इंडिया विनिवेश के शुरुआती दौर में सरकार को कोई बोली नहीं मिली। इसके बाद विनिवेश प्रक्रिया को रोक दिया गया है। एयर इंडिया को प्रतिदिन 15 करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है। मार्च 2017 की समाप्ति पर एयर इंडिया के ऊपर 48,877 करोड़ रुपए का कर्ज बोझ था।