चंडीगढ़। बीजेपी से इस्तीफा देकर अवाम-ए-पंजाब नाम से नया मोर्चा बनाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू को तगड़ा झटका लगा है। पंजाब की सियासत में पहचान बनाने से पहले ही मोर्चा बिखरता दिख रहा है। बैंस ब्रदर्स ने सिद्धू का साथ छोडक़र अब आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करके पंजाब में चुनाव लडऩे का फैसला किया है। सिमरजीत सिंह बैंस ने कहा है कि पंजाब को बादलों से बचाने के लिए आम आदमी पार्टी और लोक इंसाफ पार्टी में गठबंधन होगा। बैंस ब्रदर्स ने 28 अक्टूबर को सिद्धू के आवाज-ए-पंजाब से अलग होकर लोक इंसाफ पार्टी बनाई थी।
सूत्रों का कहना है कि नवजोत सिंह सिद्धू और परगट सिंह कांग्रेस में जा सकते हैं। आप नेता संजय सिंह से बैंस ब्रदर्स की मुलाकात के बाद दोनों भाइयों के आप में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं। सूत्रों का कहना था कि बैंस ब्रदर्स में से किसी एक को आप के टिकट पर चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है तो दूसरे भाई को निर्दलीय चुनाव लड़ाने की बात हो रही है जिसे आप सपॉर्ट करेगी। ऐसा इसलिए होगा कि आम आदमी पार्टी के संविधान के मुताबिक एक ही परिवार के दो व्यक्तियों को टिकट नहीं दिए जा सकते।
लेकिन आप से गठबंधन करके अब दोनों भाई चुनाव लड़ सकेंगे। बलविंदर सिंह बैंस ने पिछला चुनाव शिरोमणि अकाली दल के टिकट पर जीता था तो उनके भाई सिमरजीत सिंह बैंस निर्दलीय चुनाव जीते थे। दरअसल नवजोत सिंह सिद्धू तय नहीं कर पा रहे थे कि चुनाव में उनका मोर्चा कांग्रेस के साथ जाए या आम आदमी पार्टी के साथ। उनकी आप और कांग्रेस दोनों से कई दौर की बात भी हो चुकी है। दोनों पार्टियां सिद्धू को अपने साथ जोडऩे में दिलचस्पी दिखा रहीं थीं, लेकिन शर्तों पर बात नहीं बन पा रही थी।
बैंस ब्रदर्स और परगट सिंह ने सिद्धू को अधिकृत किया था कि वह मोर्चे के गठबंधन के बारे में आखिरी फैसला लें, लेकिन जैसे-जैसे सिद्धू के फैसला लेने में देरी होती रही, मोर्चे में दरार बढ़ती रही। सिद्धू की शर्तों की वजह से आम आदमी पार्टी भी उनसे दूरी बनाई। वैसे सिद्धू का लगाव कांग्रेस की ओर ज्यादा था।