नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने चारा घोटाले से जुड़े चार लंबित मामलों को खारिज किए जाने को चुनौती देने वाली सीबीआई की अपील को कथित रूप से लंबा खींचने और इसमें विलंब करने के लिए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को बुधवार को आड़े हाथ लिया। न्यायमूर्ति जे एस खेहड, न्यायमूर्ति एके मिश्रा और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने मिश्रा द्वारा अपनाई गई तरकीबों की निंदा करते हुए कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और यह अदालत से छल करने के समान है।
पीठ ने कहा कि हम ऐसे आचरण की निंदा करते हैं। आप जानबूझकर कार्यवाही में देरी कर रहे हैं। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह अदालत के साथ छल करने जैसा है। सीबीआई ने झारखंड उच्च न्यायालय के 2014 फैसले को चुनौती दी है।
इस फैसले में अदालत ने मिश्रा के खिलाफ दर्ज चारा घोटाले से संबंधित मामलों को इस आधार पर निरस्त कर दिया गया था कि एक मामले में दोषी करार दिए गए व्यक्ति पर समान मामलों में समान गवाहों और सबूतों के आधार पर और मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। कांग्रेस के पूर्व नेता डा जगन्नाथ मिश्रा इस समय जदयू के साथ हैं। उनके खिलाफ दर्ज चारा घोटाले से जुड़े पांच मामलों में से एक मामले में 2013 में उन्हें निचली अदालत ने दोषी करार दिया था।