कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चेतावनी देते हुए कहा कि लोकतंत्र में आप जैसे‘तानाशाह’के लिए कोई स्थान नहीं है।
बनर्जी ने यहां‘प्रतिवाद दिवस’को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी बाबू लोकतंत्र में आप जैसे तानाशाह के लिए कोई स्थान नहीं है। संसद में प्रधानमंत्री की बहुत कम मौजूदगी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी ने विमुद्रीकरण की घोषणा की और अब वह कहीं मिल नहीं रहे हैं।
बनर्जी ने आज आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बदले की भावना से काम करने के साथ ही सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देश भाषणों से नहीं चल सकता। हमें कार्रवाई की जरूरत है। लोग त्रस्त हैं। बैंकों और एटीएम बिना नकदी के चल रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री भाषण दे रहे हैं।
उन्होंने सवाल किया,आने वाले दिनों में सडक़ों पर चलने के लिए भी लोगों को मोदी की अनुमति की जरूरत होगी। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में मोदी जैसे तानाशाह के लिए कोई स्थान नहीं है। हमारा नारा नरेन्द्र मोदी को सत्ता से हटाना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र का सोचना है कि केवल उसके पास ही जायज पैसा है और सभी के पास कालाधन है। लोग अपने बैंक खातों से अपना पैसा निकाल पाने में असमर्थ हैं। अपना पैसा खातों से निकालने के लिए मोदी जी की अनुमति की जरूरत है।
बनर्जी ने कहा कि नोटबंदी के कारण आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। यह लोगों का आंदोलन है न कि राजनीतिक आंदोलन। हमारी केवल एक मांग है। इस मनमाने और बिना सोचे-समझे लिए गए फैसले को वापस लिया जाए।
उन्होंने कहा कि आप चाहते हैं कि लोग नकदी रहित हो जाएं। मोदी बाबू आपका मुखौटा उतर रहा है। पूरा देश एक ही नारा लगा रहा है तानाशाही नहीं चलेगी। हर निर्णय को योजना की जरूरत होती है लेकिन यह निर्णय बिना किसी तैयारी और जल्दबाजी में लिया गया है।
बनर्जी ने ट््वीट किया,आज हमारे मार्च में सभी वर्गों के लोग शामिल हुए। हम इस आंदोलन के खत्म होने तक लड़ाई लड़ेंगे। सरकार अपनी एजेंसियों के माध्यम से हमें डरा नहीं सकती है। इस उद्देश्य के लिए अपने जान देने के लिए भी तैयार है।
उन्होंने माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत वामदलों की निंदा की और वामपंथी नेताओं से उनकी तरह सडक़ों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि हम किसी बंद का समर्थन नहीं करते और इसलिए लोगों ने इस बंद का समर्थन नहीं किया। मैं सोचती हूं कि लोग सडक़ों पर उतरकर प्रदर्शन करना चाहते है लेकिन बंद को उन्होंने खारिज कर दिया।
बनर्जी ने वाम दलों की ओर से आहूत 12 घंटे के बंद का समर्थन नहीं करने के लिए लोगों को बधाई दी। उन्होंने अपने भाषण का समापन, विमुद्रीकरण बंद करो, नोटबंदी वापस लो, मोदी सरकार हाय हाय। जैसे नारों से किया।