लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पर्यटन क्षेत्र में पूंजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रयास की जरूरत पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पर्यटकों को बेहतर सुविधा एवं सहयोग प्रदान करने के लिए 200 महिला पर्यटन पुलिस सहित कुल 500 पर्यटन पुलिस की व्यवस्था किए जाने के लिए व्यापक प्रस्ताव तत्काल प्रस्तुत किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्य पर्यटन स्थलों-लखनऊ, मथुरा, वृंदावन, अयोध्या, प्रयाग, विन्ध्याचल, नैमिषारण्य, चित्रकूट, कुशीनगर और वाराणसी आदि के साथ प्रदेश के अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों को हेलीकॉप्टर वायुसेवा द्वारा नागरिक उड्डयन विभाग के माध्यम से सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के सहभागिता से आपस में जोड़ा जाए।
योगी ने कहा कि केन्द्र सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत आगरा-लखनऊ-वाराणसी एवं लखनऊ-इलाहाबाद-गोरखपुर को शामिल कर सस्ती वायुसेवा प्रारम्भ की जाए। चिकित्सा एवं योग के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गोरखपुर एवं वाराणसी में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कराने के लिए व्यापक कार्य योजना यथाशीघ्र प्रस्तुत की जाए।
उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई में जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में रोड शो एवं फूड फेस्टिवल का आयोजन कराए जाने के लिए व्यापक कार्य योजना बनाई जाए। उन्होंने आगामी 100 दिन में पर्यटन उद्यमियों के साथ सेमिनार आयोजित कर पर्यटन विकास पर परिचर्चा कराने के साथ-साथ पर्यटन सेवाओं से जुड़े एक हजार सेवा प्रदाताओं-टूरिस्ट गाइड, ढाबा एवं रेस्टोरेण्ट के कर्मी, कुली, ऑटो ड्राइवरों एवं स्मारकों पर तैनात सुरक्षाकर्मी की क्षमता संवर्धन के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन पर्यटन विभाग के प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से कराने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वाराणसी में हिन्दी एवं संस्कृत भाषाओं का अन्तर्राष्ट्रीय लिटरेरी फेस्टिवल का आयोजन कराया जाए, जिसमें भारतीय साहित्य को शो-केस कराने के साथ-साथ विश्व के प्रतिष्ठित लेखकों एवं साहित्यकारों को आमंत्रित किया जाए। उन्होंने पर्यटन विभाग द्वारा वर्तमान में संचालित टूरिस्ट हेल्पलाइन नं-1364 की क्षमता को अपग्रेड कराने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने टूरिस्ट हेल्पलाइन को आधुनिक पर्यटन सुविधाओं से युक्त करते हुए संचालित कराया जाए। उन्होंने पर्यटन विभाग द्वारा वाराणसी-भवध्यांचल, इलाहाबाद, चित्रकूट, मथुरा-वृंदावन, लखनऊ, अयोध्या, बौध सर्किट आदि की आकर्षक वेबसाइट बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटन विभाग को पर्यटकों की सुविधा के लिए 8 भाषाओं-जर्मन, फ्रेंच, जापानी, कोरियन, स्पेनिश, मेन्डरिन, अंग्रेजी एवं हिन्दी में वन-स्टॉप ट्रैवेल सोल्यूशन पोर्टल का निर्माण कराए जाने का प्रस्ताव यथाशीघ्र प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए।
योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश को मेडिकल एवं वेलनेस टूरिका्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किए जाने के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाई जाए। पर्यटन के क्षेत्र में प्रतिवर्ष 04 हजार करोड़ रुपए के पूंजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाई जाए। उन्होंने अद्र्धकुम्भ-2019 में लगभग 10 करोड़ भारतीय श्रद्धालु/पर्यटकों एवं 4 लाख विदेशी श्रद्धालु/पर्यटकों के अनुमानित आगमन को ²ष्टिगत रखते हुए व्यवस्थायें समय से सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि स्वदेश दर्शन सर्किट आधारित स्कीम के अन्तर्गत रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट, बौध सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट एवं हेरिटेज सर्किट, कोस्टल सर्किट एवं नार्थ-ईस्ट सर्किट के साथ-साथ बुन्देलखण्ड तथा नैमिषारण्य सर्किट जोडऩेे के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वित्त पोषण के लिए वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रस्तावित योजनाओं के सम्बन्ध में सम्बन्धित जिलाधिकारियों को स्वयं प्रस्तावों का अवलोकन कर अपनी संस्तुति सहित तत्काल भेजने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा वित्त पोषित योजनाओं में से अपूर्ण योजनाएं आगामी 100 दिन के अन्दर निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ पूर्ण करा ली जाए। मुख्यमंत्री ने मथुरा-वृंदावन-अयोध्या, प्रयाग, विन्ध्याचल, नैमिषारण्य, चित्रकूट, कुशीनगर और वाराणसी आदि में सांस्कृतिक पर्यटन सुविधाओं का विकास किए जाने के लिए व्यापक कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए, जिसके तहत सांस्कृतिक पर्यटन जैसे राम सर्किट, बुध सर्किट एवं कृष्ण सर्किट आदि बनाए जाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि पर्यटकों को आवश्यकतानुसार समय से जानकारी उपलब्ध कराने एवं बुकिंग सहायता आदि के लिए एक समर्पित 24 घंटे सातों दिन राज्य पर्यटन हेल्पलाइन की स्थापना कराए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी तीर्थ स्थलों के 4 लेन मार्ग के साथ जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड में आने वाले पर्यटकों की सुविधा को ²ष्टिगत रखते हुए लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे को बुन्देलखण्ड से जोडऩे के भी निर्देश दिए।