जानिए! कैसे हिरणी के गर्भ से ऋषि ऋष्यश्रृंग ने लिया जन्म

Samachar Jagat | Monday, 28 Nov 2016 10:50:46 AM
rishyasringa rish birth story

आज हम आपको एक ऐसे ऋषि के बारे में बता रहे हैं जिनका जन्म बहुत ही अद्भुत तरीके से हुआ। उनके पिता बहुत बड़े तपस्वी ऋषी थे और उन्होंने कभी भी किसी स्त्री को स्पर्श तक नहीं किया। ऐसे में ऋषि ऋष्यश्रृंग का जन्म कैसे हुआ यह किसी रहस्य से कम नहीं है। ऋषि ऋष्यश्रृंग के जन्म का क्या रहस्य है आइए आपको बताते हैं इसके बारे में.....

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ऋषि ऋष्यश्रृंग महात्मा काश्यप के पुत्र थे, महात्मा काश्यप बहुत ही प्रतापी ऋषि थे। उनका वीर्य अमोघ था और तपस्या के कारण अन्तःकरण शुद्ध हो गया था। एक बार वे सरोवर में स्नान करने गए, वहां उर्वशी अप्सरा को देखकर जल में ही उनका वीर्य स्खलित हो गया। उस वीर्य को जल के साथ एक हिरणी ने पी लिया, जिससे उसे गर्भ रह गया। वास्तव में वह हिरणी एक देवकन्या थी।

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किसी कारण से ब्रह्माजी ने उसे श्राप दिया था कि तू हिरण जाति में जन्म लेकर एक मुनि पुत्र को जन्म देगी, तब श्राप से मुक्त हो जाएगी। इसी श्राप के कारण महामुनि ऋष्यश्रृंग उस मृगी के पुत्र हुए, ऋषि ऋष्यश्रृंग बड़े तपोनिष्ठ थे। उनके सिर पर एक सींग था, इसीलिए उनका नाम ऋष्यश्रृंग पड़ा। राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए पुत्रेष्ठि यज्ञ करवाया था, इस यज्ञ को मुख्य रूप से ऋषि ऋष्यश्रृंग ने संपन्न किया था।

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