जानिए! एक बैल ने कैसे की कामशास्त्र की रचना

Samachar Jagat | Saturday, 07 Jan 2017 07:00:02 AM
The composition of Kamshastra

काम संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है आनंद की इच्छा या आकांक्षा। काम को सीधे तौर पर संभोग या सेक्स कहते हैं। हिंदुओं के प्रेम के देवता कामदेव के नाम से इस शब्द की उत्पत्ति मानी गई है। भारतीय कामशास्त्र काम अर्थात संभोग और प्रेम करने की कला का शास्त्र है। हिंदू धर्म में कामशास्त्र की रचना की गई है, ये प्रश्न हमारे मन में आता है कि आखिर कामशास्त्र की रचना किसने की। चलिए आपको बताते हैं कामशास्त्र की रचना और इससे जुड़ी कथा के बारे में.....

कामशास्त्र की रचना और इससे जुड़ी कथा :-

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शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव के प्रिय शिष्य नन्दी ने सर्वप्रथम कामशास्त्र की रचना की जिसमें एक हजार अध्यायों का समावेश था। कहते हैं कि नंदी ने भगवान शंकर और पार्वती के पवित्र प्रेम के संवादों को सुनकर कामशास्त्र लिखा। नंदी नाम का बैल भगवान शंकर का वाहन माना जाता है।

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क्या कोई बैल एक हजार अध्यायों का शास्त्र लिख सकता है? हमारे जो तंत्र के जानकार हैं उनका मानना है कि सिद्ध आत्मा के लिए शरीर के आकार का महत्व नहीं रह जाता। अब सोचिए सिर्फ सेक्स पर एक हजार अध्याय! महर्षि वात्स्यायन ने अपनी विश्व विख्यात रचना ‘कामसूत्र’ में इसी शास्त्र का संक्षिप्त रूप प्रस्तुत किया है। इससे पूर्व श्वेतकेतु और महर्षि ब्राभव्य ने इस शास्त्र को समझकर इसको अपने तरीके से लिखा था, लेकिन उनके शास्त्र कहीं खो गए।

(Source - Google)

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