हनुमान ब्रह्मचारी थे और उन्होंने विवाह नहीं किया था, पुराणों के अनुसार हनुमान का एक पुत्र था और उसने मछली के गर्भ से जन्म लिया था। आप जरूर ये जानना चाहेंगे कि आखिर कैसे मछली ने हनुमान के पुत्र को जन्म दिया। आइए आपको बताते हैं हनुमान के पुत्र के जन्म से जुड़ी रौचक कथा के बारे में.....
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जब हनुमान सीता की खोज में लंका पहुंचे और मेघनाद द्वारा पकड़े जाने पर उन्हें रावण के दरबार में प्रस्तुत किया गया। तब रावण ने उनकी पूंछ में आग लगवा दी और हनुमान ने जलती हुई पूंछ से लंका जला दी। जलती हुई पूंछ की वजह से हनुमानजी को तीव्र वेदना हो रही थी जिसे शांत करने के लिए वे समुद्र के जल से अपनी पूंछ की अग्नि को शांत करने पहुंचे।
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उस समय उनके पसीने की एक बूंद पानी में टपकी जिसे एक मछली ने पी लिया। उसी पसीने की बूंद से वह मछली गर्भवती हो गई और मछली के गर्भ से एक पुत्र उत्पन्न हुआ। जिसका नाम मकरध्वज रखा गया। हनुमान का पुत्र मकरध्वज भी हनुमान जी के समान ही महान पराक्रमी और तेजस्वी था।
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