श्रीनगर। कश्मीर के लाल ने एशियन यूथ कराटे चैंपियनशिप में भारत को गोल्ड दिलाकर इतिहास रच दिया है। सात साल का हाशिम मंसूर अब घाटी का कराटे किड बन गया है। रौचक बात यह रही कि जब कश्मीर में हिंसा भडक़ रही थी, उस समय का हाशिम ने भरपूर उपयोग किया। आपको बता दें कि हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की पुलिस मुठभेड़ में मौत के बाद घाटी में हालात बेकाबू हो गए थे। करीब चार महीने तक कश्मीर में कर्फ्यू लगा रहा। इसी दौरान हाशिम को 4 महीने तक स्कूल से दूर रहना पड़ा।
इस दौरान हाशिम रोजाना बिना नागा किए स्थानीय कराटे अकादमी में पहुंचता था। हालात चाहे जितने भी खराब हो गए हों, हाशिम ने अपना यह नियम कभी नहीं छोड़ा। मंगलवार को हाशिम की लगन और मेहनत रंग लाई। एशियन यूथ कराटे चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए हाशिम ने स्वर्ण पदक हासिल किया है। हाशिम अब सितंबर 2017 में आयिजत होने वाले वल्र्ड कराटे चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा। यह चैंपियनशिप यूरोप में आयोजित होगी। हाशिम दूसरी कक्षा में पढ़ता है।
भारत के लिए पदक जीतने की खुशी जाहिर करते हुए उसने कहा कि अपने देश के लिए स्वर्ण पदक जीतकर मैं बहुत खुश हूं। पहले राउंड में हाशिम ने भूटान और मलेशिया से आए प्रतिद्वंदियों को हराया। फाइनल राउंड में उसने श्री लंका के अपने विरोधी को पछाडक़र स्वर्ण पदक जीता। हाशिम ने कहा कि इतने समय तक स्कूल से दूर रहने के कारण मुझे कराटे का अभ्यास करने के लिए काफी वक्त मिल गया। शायद यह मेरी किस्मत ही थी कि मुझे अपने कोच के साथ अभ्यास करने के लिए इतना वक्त मिला। हाशिम के प्रशिक्षण का खर्च उनके कोच फैसल अली ने उठाया।