इस दौर में ज्यादात्तर लोग वाईफाई का इस्तेमाल करते है,लेकिन अक्सर लोगों की यह शिकायत टेलीकॉम कंपनियों से होती है कि जिस स्पीड का वादा वे लोग करते है, उतनी स्पीड उनका वाईफाई नहीं दे पाता। कारण नेट का उम्मीद से भी ज्यादा धीमी गति से चलना। इसका दोष अक्सर कंपनियों को ही दिया जाती है। लेकिन नेट धीमा चलनें के पीछे और भी कई कारण होते है।
जैसे की हो सकता है आपका वाईफाई कोई और भी इस्तेमाल कर रहा हो। इसके लिए आवश्यक हो जाता है कि आप अपनें वाईफाई का पासवर्ड बदलते रहे। और अपनें कंम्पयूटर में भी यह जांच ले कि यह किस डिवाइस से कनेक्ट किया जा रहा है।
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देश की सबसे बड़ी कंपनी बीएसएनएल में अक्सर कई ग्राहक अपनी शिकायते लेकर वहां पहुंचते है,जिसमें ज्यादात्तर शिकायतें इसी मुद्दे की होती है कि बिल में इतनी भारी भरकम रकम आ जाती है, लेकिन नेंट बहुत धीमा चलता है,समय से पहले ही नेट डाटा खत्म हो जाता है। अक्सर ब्राडबैंड में ऐसी शिकायते आती है। ये बात वैसे बहुत छोटी है मगर गौर करनें लायक है इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसके लिए आप अपनें आप ही यह जांच सकते है कि कहीं आपके डाटा का यूज दुरुपयोग तो नहीं हो रहा।
इसके लिए ब्राउसर के एड्रेस बार में 192.168.1.1 टाइप करें और उसके बाद अपने एडमिन पेज पर चले जाइए वहां पर आपको डीएचसीपी कलाइंट लिस्ट लिखा हुआ दिखाई देगा। वहां पर जो भी डिवाइस आपके वाईफाई से कनेक्टेड है वह दिखी दे जाएगा।
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आपको बतां दे हर डिवाइस का अपना अलग नाम होता है। इसलिए अपनी डिवाइस को आसानी से पहचाना जा सकता है। इसके लिए अपनें राऊटर के डिफॉल्ट लॉग इन और पासवर्ड को बदल दीजिए।
नाम में बदलाव करके आप अपनें पड़ोसियों के लिए भी इसे मुश्किल कर सकते है। वायरलेस सेंटिंग मेंनू में सर्विस सेट आईडेटिफायर यानी एसएसआईडी मिलेगा जहां से इसमें बदलाव किया जा सकता है।
राऊटर की सिक्योरिटी सेटिंग में चं2 को चुनिए, इसे चुनने के पीछे कारण है कि इसका एन्क्रिप्सन सबसे बढिया है। अगर इनसबका ध्यान नहीं दिया गया तो इसका दुरुपयोग किसी के द्वारा भी किया जा सकता है, और कस्टमर कानूनी कार्रवाई में भी फंस सकता है।
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पासवर्ड रखे अपने तक सीमित-
वाईफाई का दुरुपयोग रोकनें के लिए सबससे जरुरी है कि पासवर्ड को अपने तक ही सीमित रखे। दूसरा यह कि समय समय पर इसे बदलते रहे। ऑफिस में लगे वाईफाई का पासवर्ड अधिकारियों या किसी जिम्मेदार कर्मचारी तक ही रहना चाहिए।