माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर को निराशा हाथ लगी है। उसकी अंतिम संभावित खरीदार सेल्सफोर्स ने फैसला किया है कि वह ट्विटर को खरीदने के लिए बोली नहीं लगाएगी। इससे पहले गूगल, एपल और वॉल्ट डिज्नी जैसी धुरंधर कंपनियां भी इस प्लेटफॉर्म के लिए बोली लगाने से हाथ खींच चुकी हैं।
नए यूजर्स को जोडऩे में संघर्ष कर रही ट्विटर का अधिग्रहण न करने की गूगल और वॉल्ट डिज्नी की घोषणा के बाद इस हफ्ते कंपनी के शेयरों में तेज गिरावट आई। उसकी ग्रोथ कमोबेश थम गई है। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट का अधिग्रहण 20 अरब डॉलर में होने की संभावना है। अभी उसके 31.30 करोड़ सक्रिय यूजर्स हैं।
फाइनेंशियल टाइम्स से बातचीत में सेल्सफोर्स के सीईओ मार्क बेनियोफ ने बताया कि उन्होंने ट्विटर को खरीदने के लिए बोली लगाने से दूर रहने का फैसला किया है। इससे पहले बताया जा रहा था कि अमेरिकी क्लाउड कंप्यूटिंग कंपनी सेल्सफोर्स ट्विटर को खरीदने की रेस में सबसे आगे है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वह इसे खरीदकर ट्विटर डाटा को अपना कारोबार बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करेगी।