500,1000 के नोट बन्द कर पीएम मोदी ने वैसे ही हड़कम्प मचा रखा है। अब आप सोचेंगे इसमें ज़रा हैट के क्या है ? तो बात दरअसल ये है , 38 साल पहले भी गुजरात से आये मोरार जी देसाई ने भी ऐसे कुछ नोटों को बैन करने का फैसला लिया था। ये इत्तेफाक की बात ही है, की गुजरात से ही आये एक पीएम ने फिर से ऐसा फैसला लिया है। उस समय आरबीआई गवर्नर आईजी पटेल थे और इस बार उर्जित पटेल हैं।
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उस वक़्त भी ये फैसला काले धन और भ्रस्टाचार को रोकने के लिए किया गया था। इस फैसले को हाई डेमोमिनेशन बैंक नोट ऐक्ट 1978 के तहत लागू किया गया था।
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इस कानून के तहत 16 जनवरी 1978 के बाद इन नोटों की मान्यता समाप्त कर दी गई। बड़ी कीमत वाले नोटों को ट्रांसफर या रिसीव करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया. इसके साथ ही सभी बैंकों और सरकारी संस्थानों को रिजर्व बैंक को अपने पास मौजूद बड़े नोटों की जानकारी देनी थी। जिन लोगों के पास ये बड़े नोट थे वे बैंक में जाकर 24 जनवरी 1978 तक इन नोटों को बदलवा सकते थे।
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