केंद्र सरकार का कहना है कि काले धन को सफेद बनाने के लिए जनधन खातों का दुरुपयोग नहीं किए जाने को लेकर आयकर विभाग की चेतावनी के बाद इस तरह के खातों में धनराशि जमा होने के मामले घटे हैं। सरकार ने एक रिलीज में इसकी जानकारी दी है। रिलीज के मुताबिक, 'केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि 8 नवंबर को बड़े नोटों के बंद करने के तुरंत बाद जन धन खातों में पैसे की आवक में तेज वृद्धि के बाद पिछले कुछ सप्ताह से इसमें लगातार गिरावट आ रही है।'
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बुधवार को जारी बयान में कहा, 'जब से सरकार ने लोगों से अपने अकाउंट्स के गलत इस्तेमाल से बचने के लिए कहा है तब से इन खातों में पैसे जमा होने में अच्छी-खासी गिरावट दर्ज की गई।' 8 नवंबर से 2 दिसंबर तक हर एक जनधन खाते में औसतन 13,113 रुपये जमा हुए। नकदी वापसी के अनुमान को देखते हुए यह रकम चौंकाने वाली नहीं है। 8 से 15 नवंबर के बीच कुल 20,206 करोड़ रुपये जमा हुए, जबकि 16-22 नवंबर के बीच लोगों ने 11,347 करोड़ रुपये जमा हुए। इसके बाद 23-30 नवंबर तक सिर्फ 4,867 करोड़ रुपये जमा हुए। एक नवंबर से लेकर 2 दिसंबर तक हर रोज जनधन खातों में औसतन 389 करोड़ जमा हुए।
आयकर विभाग ने उन स्थानीय समूहों और बैंक शाखाओं को चिन्हित किया है जहां सामान्य से अधिक पैसे जमा हुए हैं। बयान में कहा गया है कि अगर ब्लैक मनी को सफेद करने के लिए किसी और के द्वारा जनधन में पैसे जमा किये गए हैं तो उसकी जांच की जाएगी। पिछले कुछ सप्ताह में इन खातों में नकदी जमा होने के मामलों में गिरावट आई है, जबकि आठ नवंबर को सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद इन खातों में धनराशि जमा करने की रफ्तार बढ़ गई थी।