नई दिल्ली। सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अश्विनी लोहानी ने ‘समय पर उड़ान परिचालन’ (ओटीपी) में एयर इंडिया के खराब प्रदर्शन को ‘विरासती मुद्दा’ बताते हुए कहा कि इस मर्ज के लक्षण की ‘हमने पहचान कर ली’ है।
संवाददाताओं के साथ यहां एक बातचीत में लोहानी ने कहा कि किसी भी विमानन कंपनी के पूरे परिचालन के लिए ओटीपी अकेला मानदंड नहीं हो सकता है जैसे कि एयर इंडिया के मामले में उसके परिचालन से जुड़ी जटिलताओं को समझना भी जरूरी है।
उनका यह बयान एक सर्वेक्षण में विश्वभर में ओटीपी के मामले में एयर इंडिया तीसरा सबसे खराब प्रदर्शन रहने पर है। हालांकि, कंपनी ने सर्वेक्षण के आंकड़ों को पहले ही चुनौती दी है।
लोहानी ने कहा कि ओटीपी का मसला एक बीमारी का लक्षण है, बीमारी नहीं और हमने इसकी पहचान कर ली है, यह बात सभी जानते हैं। एक बार इन मुद्दों को सुलझा लिया जाए जो ओटीपी अपने आप बेहतर हो जाएगी।
लोहानी का इशारा पूर्ववर्ती इंडियन एयरलाइंस और एयर इंडिया के विलय की तरफ था जिसके बाद एक नई कंपनी - एयर इंडिया लिमिटेड बनी।
उन्होंने कहा कि एयर इंडिया नौ अलग अलग तरह के विमानों को उड़ाती है और 100 से अधिक स्थानों को इसकी उड़ान होती है जिसमें विदेशी हवाईअड्डे भी शामिल हैं जबकि दूसरी विमान कंपनियों की एक ही मार्ग पर आवागमन जैसी उड़ानें हैं।