नई दिल्ली। सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक पेश करेगी जिसमें वस्तु व सेवा कर जीएसटी के कार्यान्वयन से स्थानीय करों को सम्मिलित किए जाने से हर राज्य को होने वाले संभातिव राजस्व नुकसान तथा इस नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र के योगदान का ब्यौरा होगा।
एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि जीएसटी मुआवजा विधेयक जीएसटी के कार्यान्वयन के पहले पांच साल में राजस्व की वृद्धि दर घटकर 14 प्रतिशत से नीचे जाने की स्थिति में राज्यों को मुआवजे के सरकारी वादे को कानूनी समर्थन प्रदान करेगा।
राज्य के राजस्व की गणना के लिए 2015-16 को आधार वर्ष माना जाएगा।
अधिकारी ने कहा,‘मुआवजा कानून में जीएसटी के कार्यान्वयन से हर राज्य को होने वाले राजस्व नुकसान व सम्मिलित होने वाले कर का ब्यौरा होगा।’
अधिकारी के अनुसार,‘ इस कानून में यह ब्यौरा होगा कि केंद्र की राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए किस तरह धन जुटाने की योजना है।’
एक अन्य विधेयक के तहत उक्त प्रावधानों को संवैधानिक समर्थन उपलब्ध कराया जाएगा और भविष्य में केंद्र तथा राज्यों के बीच आपसी समझ में किसी गड़बड़ी नहीं होगी।
संसद का शीतकालीन सत्र 16 नवंबर से शुरू होगा। अधिकारी के अनुसार केंद्र सरकार जीएसटी मुआवजा कानून के मसौदे को 15 नवंबर तक अंतिम रूप देगी।