नई दिल्ली। देश में मोबाइल भुगतानों की संख्या पिछले वित्त वर्ष के तीन अरब से बढक़र वर्ष 2022 तक 90 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ते हुए 153 अरब पर पहुँच जाएगी।
उद्योग संगठन एसोचैम ने आरएनसीओएस के साथ मिलकर किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि इस दौरान मोबाइल ट्रांजेक्शनों में कीमत के आधार पर भी बढ़ोतरी होगी। इसमें हर साल 150 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी तथा मौजूदा 80 खरब रुपए से वढक़र वर्ष 2022 तक यह 20 हजार खरब रुपए पर पहुँच जाएगा।
एसोचैम के महासचिव डी.एस. रावत ने कहा डिजिटल भुगतान तंत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हो सकती है जिससे आने वाले कुछ वर्षों में पारंपरिक कार्डों तथा नकदी प्राथमिक भुगतान माध्यम नहीं रह जाएंगे। इसके लिए लेकिन डिजिटल भुगतान प्रणाली को पूरी तरह सुरक्षित बनाना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि पाँच सौ रुपए तथा एक हजार रुपए के पुराने नोटों को प्रतिबंधित करने के सरकार के फैसले से डिजिटलीकरण इस प्रक्रिया की गति बढ़ेगी। इंटरनेट तथा स्मार्टफोन की बढ़ती उपलब्धता भी इसमें एक बड़ा कारक होगी। मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या एक अरब डॉलर से ज्यादा होने के कारण भारत में मोबइल पर इंटरनेट के विस्तार में काफी संभावनाएँ हैं। मोबइल के जरिए कारोबार तथा भुगतान के बारे में भी यही बात सही है।
पिछले वित्त वर्ष में देश में हुए कुल मोबाइल भु्गतान में सबसे ज्यादा 49 प्रतिशत हिस्सेदारी मोबाइल बैंकिंग की रही। मोबाइल बैंकिंग के जरिए 38.6 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए जिनकी कुल कीमत 4000 अरब रुपए थी।