रांची। झारखंड में वित्तीय वर्ष 2016-17 में योजना मद में अब तक 83 प्रतिशत राशि खर्च की जा चुकी है जबकि एक साल पहले इसी अवधि में इस मद में 70 प्रतिशत राशि ही खर्च की गई थी। झारखंड के विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव, योजना-सह-वित्त विभाग, अमित खरे ने आज बताया कि चालू वित्त वर्ष में 23 मार्च तक 30,439.59 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है जो कि वर्ष के कुल योजना बजट 36,673.91 करोड़ रुपये का 83 प्रतिशत है।
खरे ने बताया कि इससे पहले वित्तीय वर्ष 2014-15 में इसी अवधि के दौरान 70 प्रतिशत राशि खर्च की गई थी। इस लिहाज से इस वर्ष बहुत अधिक राशि खर्च की गयी है। उन्होंने कहा कि इस लिहाज से चालू वित्त वर्ष की समाप्ति तक योजना मद में रखी गई 90 प्रतिशत से अधिक राशि खर्च हो सकती है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में 31 मार्च, 2016 तक योजना मद में 31,287.08 करोड़ रुपये का व्यय हुआ था, जिसमें 6,136.37 करोड़ रुपये उदय योजना के अन्तर्गत लिए गए रिण का व्यय भी शामिल था।
इस रिण को लेकर पिछले वर्ष योजना बजट उपबंध में 97 प्रतिशत राशि व्यय हुई थी। खरे ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 में अब तक 85 प्रतिशत से अधिक व्यय करने वाले विभागों में नगर विकास एवं आवास-99.03 प्रतिशत, पथ निर्माण 98.73 प्रतिशत, परिवहन 96.06, ग्रामीण विकास 95.00, पेयजल एवं स्वच्ता विभाग 93.70, विज्ञान एवं प्रावैधिकी 92.92, पंचायती राज 91.45, योजना सह-वित्त-88.64 तथा वन एवं पर्यावरण विभाग 85.30 प्रतिशत शामिल हैं।