जयपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने आज कॉलेज शिक्षा में कार्यरत व्याख्याताओं की लम्बे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए उनका पदनाम परिवर्तित करते हुए असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रोफेसर करने की घोषणा की।
राजे आज यहां विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (रूक्टा) के 55वें प्रान्तीय अधिवेशन में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कॉलेज शिक्षा सेवा नियमों में संशोधन किये जाएंगे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि पहले कॉलेज व्याख्याताओं का करियर एक व्याख्याता के रूप में शुरू होता था और इसी पद से वो सेवानिवृत्त भी हो जाते थे लेकिन अब उन्हें आगे बढऩे के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा से जुड़ी अन्य समस्याओं पर भी विचार-विमर्श कर उन्हें शीघ्र दूर किया जायेगा।
राजे ने कहा कि सभी राजकीय महाविद्यालयों में वाई-फाई सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। अभी धौलपुर, बारां, सीकर एवं जयपुर के राजकीय महाविद्यालयों में तथा बारां एवं झालावाड़ के राजकीय कन्या महाविद्यालयों में वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराने की प्रक्रिया चल रही है।
उन्होंने कहा कि दिसम्बर, 2018 तक राजकीय महाविद्यालयों में रिक्त होने वाले व्याख्याताओं के सभी संभावित 600 से अधिक पदों को भरने के लिए कार्यवाही शीघ्र प्रारम्भ की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भविष्य में महाविद्यालयों में व्याख्याताओं के पद रिक्त नहीं रहें।
उन्होंने कहा कि राजकीय महाविद्यालयों में लाइब्रेरियन के 129 एवं शारीरिक शिक्षकों के 148 पदों को भरने के लिए नियमों में संशोधन कर दिया गया है। शीघ्र ही लोक सेवा आयोग द्वारा ये भर्तियां की जायेंगी। राजे ने कहा कि आरपीएससी द्वारा विभिन्न विषयों के 1248 पदों के लिए लिखित परीक्षाएं आयोजित की जा चुकी हैं, जिनके परिणाम इस माह आने की संभावना है। अगला सत्र शुरू होने से पहले यह प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी।