जापान में नए व्यापार समझौते की शुरुआत करेंगे बाइडन

Samachar Jagat | Monday, 23 May 2022 10:54:09 AM
Biden to launch new trade deal in Japan

तोक्यो। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन सोमवार को नए हिद-प्रशांत व्यापार समझौते की शुरुआत करेंगे, जिसे क्षेत्र के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता का संकेत देने और महामारी एवं यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण व्यापार में स्थिरता की आवश्यकता को संबोधित करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।
व्हाइट हाउस ने कहा है कि नया हिद-प्रशांत व्यापार समझौता आपूर्ति शृंखला, डिजिटल व्यापार, स्वच्छ ऊर्ज़ा, कर्मचारी सुरक्षा और भ्रष्टाचार निरोधी प्रयासों सहित विभिन्न मुद्दों पर अमेरिका और एशियाई अर्थव्यवस्थाओं की अधिक निकटता से काम करने में मदद करेगा।


हालांकि, इसके प्रावधानों को लेकर सदस्य देशों के बीच सहमति बनना बाकी है, जिससे प्रशासन के लिए अभी यह बता पाना मुश्किल है कि समझौता वैश्विक जरूरतों को पूरा करते हुए अमेरिकी श्रमिकों और व्यवसायों की मदद करने के वादे को कैसे पूरा कर सकता है।
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ वार्ता के लिए बाइडन की तोक्यो यात्रा के दौरान सोमवार को इस समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले देशों के नामों की घोषणा की जानी है। यह बाइडन प्रशासन द्बारा एक ऐसे क्षेत्र में अमेरिकी प्रभाव को संरक्षित करने और व्यापक बनाने की दिशा में उठाया गया नवीनतम कदम है, जहां हाल के वर्षों में चीन का दखल बढ़ा है।


बाइडन दक्षिण कोरिया और जापान की पांच दिवसीय यात्रा के मध्य पड़ाव में हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद यह उनकी एशिया की पहली यात्रा है, जो मंगलवार को समाप्त होगी। व्हाइट हाउस ने अक्टूबर 2०21 में 'ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप’ की जगह एक नए आर्थिक ढांचे के निर्माण की योजना की घोषणा की थी, जिसे अमेरिका ने 2०17 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन के दौरान रद्द कर दिया था।


नया समझौता ऐसे समय में हो रहा है, जब अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि चीन के साथ प्रतिस्पर्धा में उसे बढ़त हासिल है। 'ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स’ ने पिछले हफ्ते एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें साल 2०22 में चीन के दो प्रतिशत की तुलना में अमेरिकी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर लगभग 2.8 प्रतिशत बताई गई है। आर्थिक सुस्ती ने इस धारणा को कमजोर किया है कि चीन जल्द अमेरिका को पीछे छोड़कर दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।


व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा, ''हकीकत यह है कि अमेरिका इस साल चीन की तुलना में कहीं तेज गति से आगे बढ़ेगा।’’ हालांकि, आलोचकों का कहना है कि नए व्यापार समझौते में कुछ कमियां हैं। यह छूट कम करके या हस्ताक्षरकर्ता देशों को अमेरिकी बाजारों तक अधिक पहुंच प्रदान करके संभावित भागीदारों को प्रोत्साहन प्रदान नहीं करता है।


आलोचकों के मुताबिक, ये बाधाएं नए व्यापार समझौते को ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप (टीपीपी) का एक आकर्षक विकल्प नहीं बना सकती हैं, जो अमेरिका के हटने के बावजूद आगे बढ़ा है। क्षेत्र में कई देशों के लिए सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार चीन भी टीपीपी में शामिल होना चाहता है।
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र के पूर्व निदेशक मैथ्यू गुडमैन ने कहा, ''मुझे लगता है कि बहुत सारे भागीदार इस समझौते पर गौर करेंगे और कहेंगे कि इसमें शामिल प्रावधान काफी अच्छे हैं। हमें इसमें शामिल होने की खुशी है।’’


हालांकि, गुडमैन ने यह भी कहा कि ऐसे भागीदार यह भी पूछ सकते हैं कि ''क्या हमें इस समझौते में शामिल होने से कोई ठोस लाभ मिलने वाला है?’’ यही नहीं, देशों के लिए दोनों व्यापार समझौतों का हिस्सा बनना भी संभव है।
बाइडन के सोमवार को इम्पीरियल पैलेस परिसर में सम्राट नरुहितो के आवास पर उनसे मिलने की संभावना है। इससे पहले वह व्यापार, यूक्रेन पर रूस के आक्रमण, उत्तर कोरिया के परमाणु खतरे, दोनों देशों की कोविड-19 से निपटने की तैयारियों सहित अन्य मुद्दों पर किशिदा के साथ व्यापक बातचीत करेंगे। 



 

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