नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक आरटीआई कार्यकर्ता की वह अर्जी आज खारिज कर दी जिसमें उन्होंने आम आदमी पार्टी आप के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने की मांग करने वाली अपनी अर्जी नामंजूर करने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी ।
आरटीआई कार्यकर्ता ने मांग की थी कि 2013 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में निर्धारित सीमा से अधिक खर्च करने के आरोप में त्रिपाठी के खिलाफ केस दर्ज किया जाए ।
उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के निष्कर्षों में दखल देने से इनकार करते हुए कहा कि याचिका में कोई दम नहीं है । न्यायालय ने कहा कि 2013 के विधानसभा चुनावों के खर्च के मामले में कोई गलती नहीं की गई है ।
न्यायमूर्ति पी एस तेजी ने कहा, ‘‘इस अदालत को विशेष जज द्वारा 29 अप्रैल 2016 को पारित आदेश में कोई विसंगति, अवैधता, अनियमितता या अशुद्धि नजर नहीं आती......इस अदालत को मौजूदा याचिका में कोई दम नहीं नजर आया । लिहाजा, इसे खारिज किया जाता है ।’’
उच्च न्यायालय ने विवेक गर्ग की याचिका पर यह आदेश दिया । गर्ग ने निचली अदालत की ओर से 29 अप्रैल को पारित आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी । निचली अदालत ने मॉडल टाउन विधानसभा सीट से विधायक त्रिपाठी के खिलाफ शिकायत खारिज कर दी थी ।