वाशिंगटन। वैज्ञानिकों ने हमारे सौरमंडल के सबसे बड़े धात्विक क्षुद्रग्रह ‘साइकी’ पर पानी की मौजूदगी की पहचान की है। यह क्षुद्रग्रह नासा के प्रस्तावित अभियान का लक्ष्य भी है। ‘साइकी’ से जुड़े पिछले अध्ययनों में इसकी सतह पर जलयुक्त खनिजों का कोई साक्ष्य नहीं मिला था।
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हालांकि हवाई में नासा के अवरक्त दूरबीन केंद्र ने इसकी सतह पर जल या हाइड्रॉक्सिल की मौजूदगी के साक्ष्य दिखाए हैं। ‘साइकी’ पर इन अणुओं के स्रोत अब भी एक रहस्य हैं लेकिन वैज्ञानिकों ने इनके निर्माण से जुड़ी कई संभावित प्रणालियों को पेश किया है।
अमेरिका में टेनेसी विश्वविद्यालय से जोशुआ एमेरी समेत शोधकर्ताओं ने कहा कि ‘साइकी’ पर पाए गए जलयुक्त खनिज संभवत कार्बनयुक्त क्षुद्रग्रहों से आए हों, जिन्होंने बीते दौर में ‘साइकी’ पर असर डाला हो।
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‘साइकी’ लगभग 300 किलोमीटर की दूरी पर है और यह लगभग पूरा ही शुद्ध निकिल-लौह धातु से बना है। यह एस्टेरोइड बेल्ट में स्थित है। यह अध्ययन एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ है। -एजेंसी
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