इंटरनेट डेस्क। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक वायरल फोटो के कारण सुर्खियों में है। फोटो में वे चुनौतियों को स्वीकारते नजर आ रहे हैं। एक तरफ जहां भारत सहित कई देशों में शीतलहर का प्रकोप चल रहा है। लोग अपने घरों में दुबके बैठे हैं वहीं रूसी राष्ट्रपति माइनस 14 डिग्री सेल्सियस तापमान में बर्फीले पानी में डुबकी लगा रहे हैं। उनके चारों और बर्फ ही बर्फ दिखाई दे रही है और वो बीच में बर्फीले पानी में शांतचित्त बैठे हैं। इस दौरान वे एक हाथ को मोड़कर मुठ्ठी को भींचकर चुनौतियों से टकराने और इससे पार निकलने के दम को दर्शा रहे हैं। उनकी ये फोटो पिछले साल सोशल मीडिया पर शुरू हुए आइस बकैट चैलेंज को भी पूरा कर रही है।

बर्फीले पानी में पुतिन की डुबकी लगाती तस्वीर रूसी राष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पोस्ट की गई है, जिसमें वह चारों तरफ बर्फ से घिरे पुल में शर्टलेस होकर डुबकी लगाते दिखते हैं। तस्वीर में पुतिन काफी फिट और स्वस्थ नजर आए, जिससे उनकी खराब सेहत की अटकलें भी खारिज हो गईं।

दरअसल ऐसा रूसी राष्ट्रपति ने रूस की सांस्कृतिक मान्यताओं के चलते भी किया। वे हर साल ऐसा करते हैं। इसमें नया सिर्फ तापमान का उतार-चढ़ाव ही नजर आता है। कभी इस दौरान तापमान और भी कम हो जाता है तो कई बार इससे थोड़ा ज्यादा। पुतिन की बर्फीले पानी में ये आस्था भरी डुबकी थी।
The President took a traditional dip to mark Epiphany https://t.co/lv9e1WnUlp pic.twitter.com/BxnXa4qcDY
— President of Russia (@KremlinRussia_E) January 19, 2021
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फीस्ट डे यानी एपिफनी के मौके पर ईसाई धर्म के अनुष्ठान के रूप में मॉस्को में बर्फीले पानी वाले पुल में डुबकी लगाई। इसकी तस्वीर रूसी राष्ट्रपति के ट्विटर हैंडल से जारी की गई है। गौरतलब है कि रूस में एपिफनी के मौके पर बर्फीले पाने में डुबकी लगाने को पवित्र माना जाता है।
क्या है एपिफनी
ईसाई धर्म के पवित्र पर्व इपिफनी के मौके पर ईसाई धर्म के मानने वाले लोग बर्फीले पानी में आस्था की डुबकी लगाते हैं। 68 साल के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी इसी परंपरा के तहत डुबकी लगाई है। इस पर्व के अनुसार, इसाई धर्म को मानने वाले लोग पारंपरिक रूप से किसी बर्फीले पानी वाले नदी, तालाब या पुल में डुबकी लगाते हैं। ऐसी मान्यता है कि ईसा मसीह ने जॉर्डन नदी में डुबकी लगाई थी और इस दिन बर्फीले पाने में डुबकी लगाने से पाप धूल जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि ईसाई धर्म के लोग मानते हैं कि मध्य रात्रि में इस अवसर पर नदी, तालाब या पुल का पानी पवित्र हो जाता है।