कोलंबो। श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने शनिवार को संसद को आश्वस्त किया कि नया संविधान सभी राजनीतिक दलों के साथ विचार-विमर्श के बाद तैयार किया जाएगा और लोगों को इसे मंजूरी देने का अवसर मिलेगा। संविधान सभा की छह उप-समितियों की रिपोर्ट पेश करते हुए विक्रमसिंघे ने यह बात कही।
नए संविधान से जुड़े मुद्दों को देखने के लिए उप-समितियों का गठन किया गया था। उप-समितियों ने विभिन्न संवैधानिक प्रावधानों को लेकर विचार-विमर्श किया और वे अपनी रिपोर्ट मुख्य संचालन समिति को भेजेंगी। विपक्ष के नेता और तमिल नेशनल अलाइंस टीएनए के वरिष्ठ नेता आर संपानतन ने कहा कि संविधान को राष्ट्रव्यापी जनमतसंग्रह के जरिए पारित किए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर लोगों को प्रक्रिया में हिस्सा लेने का अवसर दिया जाना चाहिए और लोगों को इसे संविधान को मंजूरी देने के लिए कहना चाहिए। नया संविधान वर्ष 1978 में अपनाए गए मौजूदा संविधान का स्थान लेगा। सरकार को उम्मीद है कि नये संविधान में राजनीतिक महत्व के तमिल अल्पसंख्यकों की मांग को हल किया जाएगा। भाषा