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भागदौड़ भरी जिंदगी, अनहेल्दी खानपान और शारीरिक गतिविधियों की कमी के चलते हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या तेजी से बढ़ रही है। यह एक ऐसी स्थिति है, जो शरीर में धीरे-धीरे विकसित होती है लेकिन समय रहते पता न चले, तो हार्ट अटैक, स्ट्रोक और किडनी फेलियर जैसे खतरनाक परिणाम दे सकती है।
कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार की वसायुक्त (फैटी) पदार्थ है जो रक्त में पाया जाता है। यह दो तरह का होता है — गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL) और बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL)। जब शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है, तो यह नसों की दीवारों पर जमने लगता है, जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट आती है और अंगों तक ऑक्सीजन का प्रवाह घट जाता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल के सामान्य लक्षण क्या हैं?
राजीव गांधी अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अजीत जैन बताते हैं कि हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या की पहचान शुरुआती चरण में कठिन होती है, क्योंकि इसके प्रत्यक्ष लक्षण बहुत सीमित और सूक्ष्म होते हैं। हालांकि, कुछ संकेत ऐसे हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए:
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जल्दी थकान — बिना ज्यादा मेहनत किए भी थकान महसूस होना।
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सीने में भारीपन या दर्द — यह नसों में ब्लॉकेज का संकेत हो सकता है।
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हाथ-पैरों में झनझनाहट — रक्त संचार में रुकावट की वजह से।
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सांस फूलना और चक्कर आना — ऑक्सीजन की कमी की ओर इशारा करता है।
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पैरों में चलते समय दर्द — पैरीफेरल आर्टरी डिजीज (PAD) का लक्षण हो सकता है।
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आंखों के पास पीली चर्बी की परत — जिसे ज़ैंथेलैस्मा कहा जाता है।
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त्वचा पर गांठें या बालों का झड़ना — यह कोलेस्ट्रॉल जमने के कारण हो सकता है।
ये लक्षण अक्सर आम बीमारी की तरह लग सकते हैं, लेकिन अगर यह बार-बार और बिना वजह हो रहे हों, तो समय रहते ब्लड टेस्ट करवाना जरूरी हो जाता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल के खतरे
यदि हाई कोलेस्ट्रॉल का समय रहते इलाज नहीं किया जाए, तो यह शरीर के कई अहम अंगों को प्रभावित कर सकता है:
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हार्ट अटैक: नसों में जमा कोलेस्ट्रॉल ब्लड फ्लो रोकता है।
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स्ट्रोक: दिमाग तक ऑक्सीजन नहीं पहुंचने पर स्ट्रोक हो सकता है।
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किडनी डैमेज: रक्त संचार खराब होने से किडनी काम करना बंद कर सकती है।
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फैटी लिवर: शरीर में फैट जमा होने से लिवर की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है।
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आंखों की रोशनी पर असर: ज़्यादा कोलेस्ट्रॉल रेटिना को भी प्रभावित कर सकता है।
बचाव के आसान उपाय
हाई कोलेस्ट्रॉल से बचने के लिए लाइफस्टाइल में छोटे लेकिन अहम बदलाव बेहद जरूरी हैं:
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???? हेल्दी डाइट: तले-भुने, पैक्ड फूड और रेड मीट से दूरी बनाएं। हरी सब्जियां, फाइबर युक्त अनाज और फल खाएं।
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????♂️ नियमित व्यायाम: रोजाना कम से कम 30 मिनट वॉक या एक्सरसाइज करें।
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???? धूम्रपान और शराब से दूरी: ये कोलेस्ट्रॉल लेवल को और बिगाड़ते हैं।
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???? पूरा आराम और कम तनाव: स्ट्रेस को मैनेज करें और पर्याप्त नींद लें।
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???? नियमित ब्लड टेस्ट: हर 6 महीने में कोलेस्ट्रॉल की जांच जरूर कराएं।
हाई कोलेस्ट्रॉल एक "साइलेंट किलर" की तरह काम करता है, इसलिए इसके सूक्ष्म संकेतों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। यदि आपको ऊपर बताए गए लक्षण महसूस होते हैं, तो बिना देरी के डॉक्टर से संपर्क करें और ब्लड लिपिड प्रोफाइल टेस्ट जरूर करवाएं। सही समय पर इलाज और जागरूकता से आप खुद को और अपने दिल को सुरक्षित रख सकते हैं।