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नई दिल्ली: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक नई पेंशन योजना 'यूनिफाइड पेंशन स्कीम' (UPS) 1 अप्रैल 2025 से लागू हो रही है। यह योजना राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के स्थान पर शुरू की गई है, जो लंबे समय से पुराने पेंशन योजना (OPS) को पुनः लागू करने की मांग कर रहे कर्मचारियों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। इस योजना के तहत, कर्मचारियों को उनकी अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा।
UPS की शुरुआत पुराने पेंशन योजना की मांग पर
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को पुराने पेंशन योजना (OPS) के लाभों की बहाली के लिए कर्मचारियों की लंबे समय से चल रही मांग के बाद शुरू किया गया है। पुराने पेंशन योजना में केंद्रीय कर्मचारियों को उनकी अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता था, और अब UPS के तहत भी यही लाभ प्रदान किया जाएगा।
सरकार का योगदान
इस योजना में कर्मचारियों को अपनी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते (DA) का 10 प्रतिशत योगदान देना होगा, जबकि सरकार 14 प्रतिशत का योगदान करेगी। इसके अलावा, UPS में एक अलग पूल फंड होगा, जिसमें सरकार 8.5 प्रतिशत का अतिरिक्त योगदान करेगी। इस प्रकार, केंद्रीय कर्मचारियों को उनकी अंतिम सैलरी का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा।
कर्मचारियों को मिलने वाले लाभ
- 10 से 25 वर्षों तक सेवा: इस अवधि के दौरान सेवा देने वाले कर्मचारियों को प्रोराटा पेंशन मिलेगा।
- कर्मचारी का निधन: यदि कोई कर्मचारी सेवा के दौरान निधन हो जाता है, तो उसके परिवार को उसकी पेंशन का 60 प्रतिशत मिलेगा।
- वृद्धावस्था पेंशन: सेवा समाप्ति पर कर्मचारियों को लंपसम राशि के साथ-साथ ग्रेच्युटी भी मिलेगी।
- न्यूनतम पेंशन: जो कर्मचारी कम से कम 10 वर्षों तक सेवा देंगे, उन्हें ₹10,000 प्रति माह की न्यूनतम पेंशन मिलेगी।
पूर्व में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी मिलेगा लाभ
इस योजना के तहत उन कर्मचारियों को भी लाभ मिलेगा जिन्होंने UPS के लागू होने से पहले सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उन्हें पिछली अवधि का बकाया पेंशन भी दिया जाएगा, जो पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) की ब्याज दरों के आधार पर गणना की जाएगी।
इस प्रकार, UPS केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित और स्थिर पेंशन व्यवस्था सुनिश्चित करेगा, जो उनकी सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगा।