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लाइफस्टाइल डेस्क। सुबह जगने के बाद ज्यादातर लोग अपना मोबाइल फोन उठाते हैं। नींद खुली नहीं कि पहले मोबाइल फोन पर नॉटिफिकेशन चैक करना जरूरी बन गया है। किसने मैसेज किया, किसका कॉल आया। वजह चाहे कोई भी हो। टाइम देखना हो, अलार्म बंद करना या मैसेज या कॉल चेक करना अधिकतर लोगों का हाथ सबसे पहले मोबाइल पर जाता है। मोबाइल स्क्रॉल करना लोगों की आदत में शुमार हो चुका है। इसके कुछ फायदे तो कई नुकसान भी हैं जिनसे लोग वाकिफ नहीं या ज्यादातर इस पर ध्यान नहीं देते।
तो आइये आज जानते हैं सुबह-सुबह मोबाइल फोन चैक करने के दुष्परिणाम क्या-क्या हो सकते हैं व इस आदत से कैसे बचें...
80 फीसदी लोग उठने के बाद सीधा मोबाइल उठाते हैं
एक एक रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 80 फीसदी लोग सुबह उठने के 15 मिनट के अंदर अपना मोबाइल चेक करते हैं। हकीकत ये है कि लोग मोबाइल के अडिक्टेड होने लगे हैं और वह चाहकर भी खुद को नहीं रोक पाते।
सुबह होते ही दिमाग में भरने लगती हैं सूचनाएं
आपको इस बात का अहसास नहीं होता लेकिन सबसे पहले उठकर अगर आप ये देखते हैं कि आपने क्या मिस किया या आज पूरे दिन क्या करना है तो इसका असर मूड पर होता है। मान लीजिए उठकर आप ऑफिस के ईमेल सबसे पहले चेक करते हैं तो आपको लगने लगेगा कि दिन बहुत बिजी रहने वाला है। इससे आपका स्ट्रेस बढ़ सकता है। सुबह उठते ही आप दिमाग को इन्फॉर्मेशंस से भरने लगते हैं।
मोबाइल अनजाने में बढ़ा रहा है स्ट्रेस
अगर आप इंस्टाग्राम या फेसबुक भी चेक करते हैं तो भी इनडायरेक्टली नकारात्मक विचारों का शिकार हो सकते हैं। मान लीजिए सोशल मीडिया पर किसी ने अपने घूमने या नई गाड़ी खरीदने का पोस्ट डाला। इस पर आपके दिमाग में आ सकता है कि आपके पास ऐसी चीज क्यों नहीं। ऐसे अनजाने में आप अपना स्ट्रेस बढ़ा लेते हैं।
इस तरह बदलें ये आदत
मोबाइल नहीं थे तब भी लोगों का जीवन चल रहा था, हालांकि अब इसको इमैजिन करना भी मुश्किल है। पूरे दिन मोबाइल से दूर नहीं रहा जा सकता लेकिन सुबह उठते ही इसे चेक करने की आदत को बदला जा सकता है। इसके लिए आप फोन को तकिए के नीचे या साइड टेबल पर रखने के बजाय दूर रखना शुरू कर सकते हैं। सुबह उठते ही किसी और एक्टिविटी में इन्वॉल्व होने की कोशिश करें। उठकर पानी पिएं, मेडिटेशन करें या घरवालों को हंसकर गुड मॉर्निंग विश करें।