Masik Shivratri 2022 : मासिक शिवरात्रि की संपूर्ण विधि और कथा के बारे में जानें

Samachar Jagat | Tuesday, 22 Nov 2022 03:15:32 PM
Masik Shivratri 2022: Know the complete method and story of Masik Shivratri

अगहन मास यानी मार्गशीर्ष मासिक शिवरात्रि का व्रत आज रखा जाएगा। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की विशेष रूप से पूजा की जाती है। मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि के दिन आधी रात को पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन व्रत करने से वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियां दूर होती हैं और कुंवारी कन्याओं को सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है।

मासिक शिवरात्रि 2022: शुभ मुहूर्त, तिथि, अनुष्ठान और अन्य डिटेल यहाँ त्योहार के हैं:

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार लक्ष्मी, इंद्राणी, गायत्री देवी, मां सरस्वती और माता पार्वती ने भी यह व्रत किया था। मासिक शिवरात्रि का व्रत प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को किया जाता है।

मासिक शिवरात्रि 2022: विधि

मासिक शिवरात्रि के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करने के बाद किसी मंदिर में जाकर भगवान शिव और पार्वती, गणेश, कार्तिक, नंदी की पूजा की जाती है।  पूजा के दौरान जल, शुद्ध घी, दूध, शक्कर, शहद, दही आदि से शिवलिंग का रुद्राभिषेक किया जाता है। शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं जाते है । अब भगवान शिव की धूप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें।

शिव जी की पूजा करते समय शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा और शिव श्लोक का पाठ करें। इसके बाद शाम को फलाहार किया जा सकता है, लेकिन व्रती को भोजन नहीं करना चाहिए। अगले दिन भगवान शिव की पूजा करें और दान आदि करके अपना व्रत खोलें।

मासिक शिवरात्रि 2022: कथा

मान्यता है कि भगवान शिव का जन्म महाशिवरात्रि की मध्यरात्रि में शिवलिंग के रूप में हुआ था। जब भगवान शिव प्रकट हुए, तो भगवान ब्रह्मा और विष्णु ने विधि-विधान से उनकी पूजा की। उस दिन से लेकर आज तक हर महाशिवरात्रि को भगवान शिव का जन्मोत्सव मनाया जाता है और मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव के भक्त उनकी पूजा करते हैं।

सनातन धर्म के शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि कई देवियों जैसे मां लक्ष्मी, सरस्वती, गायत्री, सीता और पार्वती ने मोक्ष प्राप्ति के लिए शिवरात्रि का व्रत रखकर भगवान शिव की आराधना की थी।



 

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