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12 जून 2025 की सुबह एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 के दुर्घटनाग्रस्त होने से पूरा देश सदमे में है। इस दर्दनाक हादसे में 265 यात्रियों की जान चली गई, जिनमें से 24 लोग बीजे मेडिकल कॉलेज से जुड़े हुए थे। हादसे के बाद अब कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं—क्या विमान में तकनीकी खराबी थी? क्या पायलट से कोई चूक हुई? या क्या यह एक साइबर अटैक का शिकार बना?
360 सेकेंड में उजड़ गईं 265 जिंदगियां
महज 6 मिनट (360 सेकेंड) में एक पूरी फ्लाइट तबाह हो गई। इस हादसे ने न सिर्फ जानें लीं, बल्कि यात्रियों के परिवारों को अनगिनत सवालों में उलझा दिया। टेकऑफ के कुछ ही क्षणों बाद प्लेन अचानक नीचे गिर गया। अब इस पूरे मामले की जांच के लिए भारत के अलावा अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश भी अपनी विशेष टीमें भेज रहे हैं।
तकनीकी खामी या मेंटनेंस में लापरवाही?
जांच एजेंसियां फिलहाल ब्लैक बॉक्स की जांच में जुटी हैं ताकि यह समझा जा सके कि क्या टेकऑफ से पहले विमान में कोई तकनीकी गड़बड़ी थी। बोइंग 787 जैसे आधुनिक विमान में सेंसर और सेफ्टी चेक्स का पूरा सिस्टम होता है, लेकिन फिर भी अगर फ्लैप्स की गलत सेटिंग, इंजन थ्रस्ट की कमी या रनवे से समय से पहले टेकऑफ हुआ, तो यह सभी संभावित कारण हो सकते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार टेकऑफ के समय विमान की स्पीड 174 नॉट थी, जबकि इस वज़न पर कम से कम 200–250 नॉट की रफ्तार ज़रूरी होती है। यह भी संदेह है कि टेकऑफ के समय लैंडिंग गियर नहीं उठा, जो संतुलन और लिफ्ट के लिए बेहद अहम होता है।
क्या पायलट से हुई चूक?
फ्लाइट के दोनों पायलट बेहद अनुभवी माने जाते थे और उस समय मौसम भी साफ था। फिर भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या टेकऑफ के दौरान कोई मानवीय भूल हुई? आंकड़े बताते हैं कि टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान होने वाले 65% हादसे पायलट की गलती से होते हैं। हालांकि, अभी इस बारे में कुछ कहना जल्दबाज़ी होगी।
एक और थ्योरी: साइबर अटैक
प्लेन हादसे को लेकर सबसे सनसनीखेज आशंका है — साइबर अटैक। क्या कोई हैकर विमान के ऑपरेटिंग सिस्टम को कंट्रोल कर प्लेन को नीचे गिरा सकता है?
इस थ्योरी को बल इस बात से मिला कि अप्रैल 2025 में म्यांमार में भारतीय वायुसेना के ऑपरेशन "ब्रह्मा" के दौरान भारतीय सैन्य विमान पर साइबर हमला हुआ था। पायलटों ने बैकअप सिस्टम के जरिए फ्लाइट को संभाला था।
इसी तरह 19 सितंबर 2016 को अमेरिका के अटलांटिक एयरपोर्ट पर एक बोइंग 757 विमान के सिस्टम को हैक कर लिया गया था, जिसे बाद में अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने "रिहर्सल अटैक" करार दिया था।
ऐसे में सवाल उठना लाज़मी है — क्या एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 भी किसी साइबर साजिश का शिकार बनी? जांच एजेंसियों के पास अब ब्लैक बॉक्स है, जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि हादसे की असली वजह सामने आएगी।
फ्यूल और ओवरवेट की भी आशंका
एक और बड़ी आशंका यह है कि टेकऑफ के समय विमान में 1.25 लाख लीटर फ्यूल था। इससे प्लेन का वज़न काफी बढ़ गया था। क्या इंजन को पर्याप्त थ्रस्ट नहीं मिला? अगर ऐसा हुआ, तो प्लेन के उड़ान भरने की क्षमता पर असर पड़ा हो सकता है।
जांच के इंतज़ार में पूरा देश
फिलहाल, सारा देश इस सवाल का जवाब चाहता है — आखिर क्या वजह थी इस भयावह हादसे की? क्या यह एक आम दुर्घटना थी या किसी बड़ी साजिश का हिस्सा? अभी यह कहना मुश्किल है, लेकिन जैसे ही ब्लैक बॉक्स की रिपोर्ट सामने आएगी, शायद तस्वीर थोड़ी साफ हो जाए।
अहमदाबाद फ्लाइट हादसा केवल एक विमान दुर्घटना नहीं, बल्कि विमानन सुरक्षा, पायलट प्रशिक्षण, तकनीकी तैयारी और साइबर सुरक्षा जैसे कई अहम पहलुओं पर सवाल खड़े करता है। जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक हर संभावना को नजरअंदाज करना खतरनाक होगा।