अहमदाबाद। केंद्र की इनकम डेक्लेरेशन स्कीम (आईडीएस) के तहत करीब 14 हजार करोड़ की ब्लैकमनी का खुलासा करने वाला व्यापारी रहस्यमय तरीके से गायब हो गया है। गुजरात के व्यापारी महेश शाह ने इनकम डिक्लेरेशन स्कीम के तहत 13,860 करोड़ रुपये की अघोषित आय का खुलासा कर सभी को चौंका दिया। इसके बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने शुक्रवार को शाह की चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्म अप्पाजी अमीन के ठिकानों पर छापे मारे।
फिलहाल शाह फरार है। हालांकि, आईटी डिपार्टमेंट ने छापों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। अहमदाबाद में एक पुरानी बिल्डिंग के 4 बीएचके फ्लैट में रहने वाले महेश शाह (67) ऑटोरिक्शा से काम पर जाते थे। शाह ज्यादा पढे लिखे भी नहीं है। वे तीन कमरे वाले छोटे से फ्लैट में रहते है और ऐशो-आराम की जिंदगी जीते है। शाह द्वारा उजागर किया गया धन भारत में आईडीएस के जरिए बताए गए कुल 65 हजार करोड़़ रुपये का 20 प्रतिशत है।
हालांकि, पिछले 2-3 सालों के इनकम टैक्स रिटर्न में शाह ने अपनी आय 2 से 3 लाख रुपये सालाना ही बताई थी। इनकम टैक्स विभाग ने शाह के घर और उनके सीए तहमूल सेठना के ऑफिस और घर पर 29 नवंबर से 1 दिसंबर तक जांच की थी। सेठना ने बताया, अंतिम बार आयकर अधिकारियों की मौजूदगी में ही मैंने शाह से बात की थी। उसके बाद से उनसे संपर्क नहीं हो सका है।
सेठना का दावा है कि शाह का डेक्लेरेशन आयकर विभाग ने रद्द कर दिया था क्योंकि जांच के बाद उन्हें लगा कि शाह इतनी बड़ी रकम नहीं दे सकेंगे। छापेमारी के दौरान शाह के बिजनस सहयोगियों से 40 लाख रुपये कैश और 30 लाख की ज्वैलरी जब्त की है। सेठना ने यह भी दावा किया है कि उन्होंने कभी शाह का इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरा है।
उन्होंने यह भी दावा किया है कि शाह के पास भारी मात्रा में कैश है। सेठना ने कहा कि शाह के कुछ राजनीतिज्ञों सहित बड़े प्रभावशाली लोगों से संपर्क हैं जिनका उठना-बैठना केवल मुंबई के पांच सितारा होटलों में होता है।