चंडीगढ़ हमारे लिए भावनात्मक मुद्दा, इसे पंजाब के अधीन किया जाए : Harsimrat Kaur Badal

Samachar Jagat | Tuesday, 29 Mar 2022 02:28:33 PM
Chandigarh is an emotional issue for us, it should be brought under Punjab : Harsimrat Kaur Badal

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की चंडीगढ़ के सभी कर्मचारियों को केंद्रीय सेवा नियमों के दायरे में लाने की हालिया घोषणा की पृष्ठभूमि में शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि चंडीगढ़ पंजाब के लिए भावनात्मक मुद्दा है और बतौर राजधानी इसे पंजाब के तहत किया जाना चाहिए। उन्होंने शून्यकाल में यह विषय उठाते हुए आरोप लगाया कि ''पंजाब के अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है’’।

लोकसभा सदस्य हरसिमरत कौर ने कहा, ''चंडीगढ़ लंबे समय से पंजाब और हरियाणा की साझा राजधानी है...समय-समय पर केंद्र सरकारों ने चंडीगढ़ पर हमारे दावे को कमजोर करने का प्रयास किया है। अब तो चंडीगढ़ में दूसरे केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर के कर्मचारी जा सकते हैं। यह हमारे अधिकार पर डाका है।’’उन्होंने दावा किया, ''यह हमारे लिए भावनात्मक मुद्दा है। इस सब पर हमारा अधिकार कम किया जा रहा है।’’

पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने 1980  के दशक के 'राजीव-लोंगोवाल समझौते’ का हवाला देते हुए कहा, ''मेरा आग्रह है कि चंडीगढ़ को पंजाब के सुपुर्द जल्द करवाइए। हमारी राजधानी हमें वापस दिलवाइए।’’ एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने शून्यकाल में कुछ सीरप का उल्लेख करते हुए कहा कि इनसे बच्चों की मौत की खबरें आई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह के घटिया सीरप की बिक्री पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। ओवैसी ने इसे रोकने के लिए उचित कदम उठाने की मांग की।

बहुजन समाज पार्टी के फजलुर्रहमान ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के कुछ इलाकों में बसने वाले वन गुर्जर समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्ज़ा मिलना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी की हिना गावित ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण जिन युवाओं की उम्र सेना में भर्ती की आयुसीमा से अधिक हो गई है उन्हें छूट दी जानी चाहिए। शून्यकाल के दौरान कई अन्य सदस्यों ने भी लोक महत्व के विभिन्न विषय उठाए। 



 

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