फरीदाबाद। हरियाणा के फरीदाबाद जिले के मडावर गांव में एक तेंदुए को ग्रामीणों ने लाठियों से पीट-पीटकर मार डाला। तेंदुए का शव देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि तेंदुए को कितनी बुरी तरह पीटा गया होगा। दरअसल, गांव में एक नर तेंदुआ के घुस आने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल उत्पन्न हो गया, तेंदुए के आने की खबर गांव में आग की तरह फैल गई, लेकिन ग्रामीण कुछ समझ पाते इससे पहले तेंदुए ने ग्रामीणों पर हमला कर दिया।
तेंदुए के हमले में गांव के 7 नौजवान घायल हो गए। इस हमले से बौखलाए गांव वालों ने तेंदुए पर लाठियों से हमला कर दिया। ग्रामीण तेंदुए पर लाठी लेकर बुरी तरह टूट पड़े और तेंदुए की जान लेने तक ग्रामीण उसे बुरी तरह पीटते रहे। लेकिन, इस पूरे घटनाक्रम में दिलचस्प बात यह रही कि तेंदुए के गांव में घुसते ही वन विभाग को इसकी खबर कर दी गई थी।
लेकिन, वन विभाग का के कर्मचारी घटनास्थल पर बहुत देरी से पहुंचे और इस लापरवाही के कारण एक तेंदुआ की जान चली गई। तेंदुए को मारने के बाद भी लोगों का दिल नहीं भरा और शव के साथ लोग सेल्फी लेते रहे।
वन्य जीव की इस तरह अमानवीय हत्या और उसके बाद इस तरह सेल्फी लेना गैर-कानूनी है और इसकी सजा के तौर पर बहुत ही कठोर सजा का प्रावधान है, लेकिन ग्रामीणों द्वारा इस तरह नियम-कानून की धज्जियां उड़ाना और वन्य कर्मिया का मौके पर देरी से पहुंचकर कोई कार्यवाही ना करना वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर चिंता का विषय है। अगर वक्त रहते वन विभाग के कर्मचारी मौक पर पहुंच जाते तो शायद नौजवानों को घायल होने और तेुंदए को मरने से बचाया जा सकता था।
एनवायरमेंट एंव वाइल्ड लाइफ सोसायटी के फाउंडर अनिल गंडास ने बताया कि वन विभाग को सुबह छह बजे ही सूचना कर दी गई थी, लेकिन, वन विभाग की टीम मौके पर पांच घंटे देरी से पहुंची। जब तक ग्रामीण आक्रोशित हो चुके थे, उनका आक्रोश देखकर पुलिस भी मौके से भाग छूटी और वन कर्मियों के सामने ही तेंदुए के शव के साथ ग्रामीण सेल्फी लेते रहे और वो चुपचाप देखते रहे।