श्रीनगर। पाकिस्तान के किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तैनात जवानों की ‘‘तैयारी’’ और ‘‘आक्रामक तेवरों’’ को रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने शुक्रवार को संतोषजनक बताया।
जेटली ने उत्तर कश्मीर में सेना के वरिष्ठ कमांडरों के साथ अग्रिम चौकी पर बैठक की और हिंसा से दो-चार हो रही घाटी में सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘नियंत्रण रेखा पर स्थित अग्रिम चौकी पर वरिष्ठ कमांडरों और जवानों से मुलाकात की और सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया। शत्रु के किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने की जवानों की तैयारी और उनके आक्रामक तेवरों से संतुष्ट हूं।’’
जेटली, जिनके पास वित्त मंत्रालय का भी प्रभार है, वह यहां उत्पाद एवं सेवा कर जीएसटी पर गुरुवार से शुरू हुई दो दिवसीय बैठक में शामिल होने आए थे।
उन्होंने नियंत्रण रेखा पर अग्रिम चौकियों का हवाई सर्वेक्षण किया और रामपुर सेक्टर में जवानों से बातचीत की।
सेना के एक अधिकारी ने बताया कि जेटली ने जवानों से कहा कि वे सतर्क रहें और सीमापार से होने वाले किसी भी दुस्साहस को निष्फल कर दें।
उन्होंने बताया कि जेटली के साथ चिनार कॉर्प्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग भी थे। रक्षा मंत्री ने जवानों के उच्च मनोबल की प्रशंसा की और उन्हें विश्वास दिलाया कि पूरा देश उनके साथ है।
कुछ हफ्तों पहले पाकिस्तान की सेना ने पुंछ जिले में दो भारतीय जवानों के सिर धड़ से अलग कर दिए थे जिसे भारत ने ‘बर्बरता’ बताया था।
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने जवानों की हत्या का बदला लेने के संकेत दिए जबकि जेटली ने कहा कि दोनों जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी और सैन्य बल इसका ‘‘उचित’’ जवाब देंगे।
बुधवार को, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा हालात की समीक्षा के लिए हुई बैठक में उन्होंने सेना से कहा कि वह सीमापार से होने वाले किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार रहे।
बीते कुछ महीनों से कश्मीर घाटी में हिंसा और आतंकी हमलों की घटनाओं में एकाएक वृद्धि हो गई है।