Land for Job Scam: लालू प्रसाद यादव की परेशानियां बढ़ीं! गृह मंत्रालय ने CBI को मुकदमा चलाने की मंजूरी दी

Samachar Jagat | Friday, 20 Sep 2024 12:11:46 PM
Land for Job Scam: Lalu Prasad Yadav's troubles increase! Home Ministry gives permission to CBI to prosecute

pc: abplive

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को "लैंड फॉर जॉब" घोटाले मामले में कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि गृह मंत्रालय ने सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) को उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। सीबीआई ने यह जानकारी राउज एवेन्यू कोर्ट को दी।

15 अक्टूबर को सुनवाई तय

सीबीआई ने कहा कि अन्य आरोपियों के खिलाफ मंजूरी जल्द ही मिल जाएगी, क्योंकि प्रक्रिया अभी भी जारी है। कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब घोटाले से संबंधित सीबीआई के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने की सुनवाई स्थगित कर दी है। अब इस मामले की सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी। सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि बाकी आरोपियों के खिलाफ मंजूरी मिलने में करीब 15 दिन और लगेंगे। इसके अलावा, एजेंसी ने पुष्टि की कि उसे लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए गृह मंत्रालय से अनुमति मिल गई है। अन्य आरोपी अधिकारियों के लिए मंजूरी मिलने की प्रक्रिया अभी भी लंबित है। पिछली सुनवाई में, सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि उसे लालू यादव और मामले में शामिल 32 अन्य सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति अभी तक नहीं मिली है।

तेज प्रताप यादव को पहली बार तलब किया गया

इससे पहले, 18 सितंबर को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव, उनके बेटों तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव तथा अन्य आरोपियों को जमीन के बदले नौकरी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में समन जारी किया था। उन्हें 7 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है। कोर्ट ने अखिलेश्वर सिंह, उनकी पत्नी किरण देवी तथा कई अन्य आरोपियों को भी तलब किया है। यह पहला मौका है जब तेज प्रताप यादव को इस मामले में तलब किया गया है। लालू यादव, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, अखिलेश्वर सिंह तथा अन्य को 7 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होना है।

जमीन के बदले नौकरी घोटाले की व्याख्या

लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि उन्होंने 2004 से 2009 तक रेल मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान भारतीय रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले में लोगों से जमीन ली। सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार, लालू यादव ने स्थापित भर्ती प्रक्रियाओं को दरकिनार कर ऐसे लोगों को लाभ पहुंचाया, जिन्होंने बदले में अपनी जमीन उनके परिवार को बाजार मूल्य से काफी कम दरों पर बेची - कथित तौर पर बाजार मूल्य से पांच गुना कम पर। इस जमीन का कुछ हिस्सा लालू के परिवार के सदस्यों को हस्तांतरित कर दिया गया, जबकि अन्य हिस्से को उनके परिवार के करीबी रिश्तेदारों और सहयोगियों के नाम पर पंजीकृत कर दिया गया।

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