नई दिल्ली। नोटबंदी का विरोध सोमवार को संसद के गलियारों से निकलकर देश की सडक़ों पर विपक्ष ले जाने की तैयारी में है। 500 तथा 1000 के पुराने नोटों को वापस लिए जाने से लोगों को हो रही परेशानी के मद्देनजऱ बड़े विपक्षी दल सोमवार को सडक़ों पर निकल कर सरकार को घेरेंगे। ममता बैनर्जी आज बंगाल में विरोध में सडक़ों पर उतरेंगी तो आम आदमी पार्टी दिल्ली में सेंट्रल पार्क में विरोध प्रदर्शन करेगी।
बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू विरोध प्रदर्शनों में शामिल नहीं होगी क्योंकि नीतीश कुमार ने 500 और 1000 रु के नोट बंद करने का समर्थन किया है और कहा है कि नोटबंदी से काले धन के खि़लाफ़ लड़ाई में मदद मिलेगी। लेफ्ट ने कुछ राज्यों में बंद बुलाया है लेकिन कांग्रेस से लेकर तृणमूल कांग्रेस, बीएसपी, जेडीयू समेत अधिकत्तर विपक्षी दल बंद का हिस्सा नहीं है।
लेकिन विरोध नोटबंदी के खिलाफ के खि़लाफ़ कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी आद देशभर में विरोध प्रदर्शन करेंगी। कांग्रेस ने इसे जन आक्रोश दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है। कांग्रेस ने यह भी साफ किया है कि उसने बंद का आह्वान नहीं किया है। कांग्रेस ने यह भी कहा कि सरकार ने 500 और 1000 रु के पुराने नोट इसलिए बंद किए हैं क्योंकि सरकार काला धन वापस लाने में नाकाम साबित हुई है।
वहीं, बिहार के दरभंगा के लहरियासराय स्टेशन पर भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने रेल चक्का जाम किया। भाकपा माले कार्यकर्ता ट्रेन के सामने खड़े हो गए। नोटबंदी के खिलाफ विपक्षी पार्टियों के विरोध प्रदर्शन पर बीजेपी ने कहा है कि नोटबंदी के फैसले पर आम जनता हमारे साथ है।
भाजपा ने कहा कि विपक्षी पार्टियों का विरोध प्रदर्शन सफल नहीं होगा और कांग्रेस भारत बंद से पहले ही पीछे हट चुकी है। केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने कांग्रेस और वामपंथी दलों पर निशाना साधते हुए कहा ये पार्टियां जनता से कट चुकी हैं।
वैंकेया नायडू ने विपक्षी पार्टियों से कहा कि वो संसद की कार्यवाही शांतिपूर्ण तरीके से चलने दें। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी पर कोई भी पार्टी नाराज़ कैसे हो सकती है जबकि जनता ने लंबे वक्त के फायदे के लिए अभी हो रही तकलीफों को नजरअंदाज कर दिया है।