नयी दिल्ली | विभिन्न मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से बृहस्पतिवार को राज्यसभा की कार्यवाही आरंभ होने के 10 मिनट बाद ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही सभापति एम वेंकैया नायडू ने दस्तावेज पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने कहा कि स्पष्ट निर्देशों और चेतावनी के बावजूद कुछ सदस्य सदन की कार्यवाही रिकार्ड कर रहे हैं और उसे दूसरों को दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्य प्रतिबंधित हैं और ऐसा करते कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
इसी बीच, कुछ विपक्षी सदस्य आसन के निकट आकर हंगामा करने लगे।नायडू ने ऐसे सदस्यों को आगाह किया कि वे सदन में ''तख्तियां’’ लेकर ना आएं नहीं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि तख्तियां सदन में दिखाने वाले सदस्यों के नाम बुलेटिन में डाले जाएंगे। हंगामे के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लोकसभा में क ांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी द्बारा ''राष्ट्रपत्नी’’ कह कर संबोधित करने का मुद्दा उठाया और कांग्रेस से इसके लिए माफी मांगने को कहा।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के लिए ऐसी टिप्पणी राष्ट्रपति के साथ ही महिलाओं का भी अपमान है। सीतारमण ने कहा कि ऐसा नहीं है कि यह शब्द गलती से कांग्रेस नेता के मुंह से निकल गया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता ने जानबूझकर ऐसा किया है। उन्होंने कहा, ''यह राष्ट्रपति का अपमान है। यह अस्वीकार्य है। कांग्रेस और उसकी अध्यक्ष सोनिया गांधी इसके लिए माफी मांगें।’’
सत्ताधारी दल के सदस्यों ने सीतारमण की मांग का समर्थन किया। वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों के सदस्यों ने निलंबित सदस्यों का निलंबन वापस लिए जाने और महंगाई तथा कुछ वस्तुओं को माल एवं सेवा कर(जीएसटी) के दायरे में लिए जाने का मुद्दा उठाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। सदन में व्यवस्था बनते न देख सभापति ने कार्यवाही 11 बजकर 10 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।