स्वच्छता की बातें बड़ी बड़ी मगर सत्यता कुछ और.....!

Samachar Jagat | Thursday, 11 May 2023 11:27:32 AM
The talk of cleanliness is very big but the truth is something else.....!

जयपुर। इस बात में कोई दो राय नहीं कि मरीजों के उपचार में स्वच्छता की बड़ी भूमिका रही है और इसे क्रियान्वित करने के लिए सभी हॉस्पिटल्स में अलग से ट्रेंड टीम काम करती है। पेशेवर रूप से प्रशिक्षित टीम पर यह दायित्व होता है की हर हॉस्पिटल में नर्स और डॉक्टर के अलावा तीस से चालीस प्रतिशत मानव संसाधन की टीम दिन रात यह काम करती है की गंदगी के चलते उनकी अस्पताल में कहीं खतरनाक विषाणुओं का तांडव ना फैल जाय। 

किसी भी हॉस्पिटल में नोसोकोमियल संक्रमण की घटना बहुत ही विनाश कारी होती है। ऐसे में स्वछता अपने आप में गंभीर विषय माना जाता रहा है। इसमें जरा भी लापरवाही होने के चलते हॉस्पिटल में पेसेंट की बैड , नर्स और डॉक्टर की ड्रेस प्रदूषित हो सकती है। पेसेंट के उपचार में काम में आने वाले उपकरण संक्रमित हो जाते है।

हॉस्पिटल्स की अति संवेदनशील यूनिट जैसे की ऑपरेशन थियेटर, ट्रॉमा सेंटर, डायलेसिस कक्ष,लेबर रूम,प्रयोगशाला  आदि बीमारियों को फैलाने का काम करते है।एक अच्छे स्वछता सहायक बनने के लिए इन वर्कर में संक्रमण नियंत्रण का ज्ञान,आत्मविश्वास , धैर्य , सफाई के संबंध में विस्तार से ज्ञान, मरीजों के प्रति सहानुभूति और रोगियों की देखभाल के लिए जनून पैदा करता है।

इस क्षेत्र में स्टाफ को पीपीआई और डोफिंग, हाथों की स्वछता, संक्रमण नियंत्रण  और इसमें आवश्यक उचित अभ्यास , बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट   और गहरी सफाई और परिशोधन प्रोटोकॉल , उपयोग में लिए  सफाई और परिशोधन प्रोटोकॉल, उपयोग में लिए जा रहे कीटाणुनाशक और रसायन, घुमन, परिक्रिया,रोगी का परिवहन , रोगी की स्वछता आत्म रक्षा और रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।



 


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