नई दिल्ली। ऐसा लगता है कि नोटबंदी का असर खेलों पर भी पडऩे लगा है और पेशेवर कुश्ती लीग (पीडब्ल्यूएल) का दूसरा सत्र 15 दिसंबर से शुरू नहीं हो पाएगा क्योंकि फ्रेंचाइजियों और हितधारकों को अपनी योजनाएं दोबारा तैयार करने के लिए अधिक समय चाहिए।
पीडब्ल्यूएल के प्रमोटर प्रो स्पोर्टीफाई के निदेशक विशाल गुरनानी ने कहा कि नोटबंदी के बाद पीडब्ल्यूएल फें्रचाइजी और हितधारकों ने अपनी योजना दोबारा तैयार करने के लिए समय मांगा है। इसलिए लीग को स्थगित किया गया है। संशोधित तारीख की घोषणा 30 नवंबर को की जाएगी।
इस बीच सूत्रों ने कहा कि पीडब्ल्यूएल-2 दिसंबर के अंतिम हफ्ते से पहले शुरू नहीं हो पाएगी।
सूत्रों ने कहा कि लीग को दिसंबर के अंतिम हफ्ते में आयोजित किया जाएगा। साथ ही नवंबर के मध्य में होने वाली खिलाडिय़ों की नीलामी टूर्नामेंट की शुरूआत से 15 दिन पहले होगी।
साथ ही पहले टूर्नामेंट की छह टीमों की तुलना में इस बार आठ टीमें उतारने की योजना थी लेकिन पीडब्ल्यूएल ने सोमवार को कहा कि टीमों की संख्या में कोई बदलाव नहीं होगा और पहले सत्र की तरह छह टीमें ही चुनौती पेश करेंगी।
बेंगुलरू की फ्रेंचाइजी बेंगलुरू योद्धास हालांकि टूर्नामेंट से हट गई है और उसकी जगह जयपुर की फ्रेंचाइजी लेगी। दिल्ली और उत्तर प्रदेश की टीमों के मालिक भी बदल गए हैं।
गुरनानी ने इस बीच कहा कि टूर्नामेंट की तारीखें आगे खिसकने के बावजूद शीर्ष विदेशी और भारतीय पहलवानों ने टूर्नामेंट में हिस्सा लेने की पुष्टि कर दी है।