नई दिल्ली। पाँच सौ रुपए तथा एक हजार रुपए के पुराने नोटों को सरकार द्वारा अचानक बंद कर दिए जाने के फैसले के बाद विदेशी पर्यटकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके मद्देनजर रिजर्व बैंक ने बैंकों तथा प्राधिकृत एजेंटों के लिए नये दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
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रिजर्व बैंक की अधिसूचना में कहा गया है कि इन पर्यटकों को विदेशी मुद्रा के बदले में प्रीपेड कार्ड जारी किए जाएं, जिनका उपयोग वे भारत में भुगतान के लिए कर सकें। इसके लिए उनका पासपोर्ट वैध माना जाएगा। लेकिन, इससे समस्या का आधा हल होगा पूरा नहीं।
एक सप्ताह पहले बेल्जियम से भारत आए जेफ और एमिलि ने बताया कि सरकार के इस फैसले से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन वे किसी तरह काम चला रहे हैं। उन्होंने बताया कि जहां कार्ड से भुगतान की सुविधा है वहां तक तो ठीक है, नकद भुगतान में दिक्कत आ रही है।
विदेशी पर्यटक आम तौर पर अपने देश से निकलते समय भी कुछ भारतीय मुद्रा लेकर चलते हैं। जिस समय जेफ और एमिलि भारत के लिए रवाना हुए थे उस समय 500 और एक हजार रुपए के नोट वैध थे। लेकिन, सरकार के फैसले के बाद ये अवैध हो गए। जेफ ने बताया कि छोटी-छोटी खरीद के लिए पुराने नोट देने पर दुकानदारों ने 10 से 15 प्रतिशत की अतिरिक्त राशी ली। यानी 500 का नोट देने पर 50 से 75 रुपए सिर्फ दुकानदार ने पुराने नोट लेने की एवज में काट लिए।
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उन्होंने बताया कि एटीएम पर लंबी कतार के कारण वे वहां से भी पैसे नहीं निकाल पाए। इन परिस्थितियों में वे ऑटो या आम टैक्सी भी नहीं कर सकते। उन्हें ओला और उबर जैसी ऑनलाइन भुगतान वाली टैक्सी सेवाओं पर निर्भर रहना पड़ रहा है। साथ ही वे फुटपाथ पर या बड़ी बाजारों में सड़कों किनारे बनने वाले स्थानीय लजीज व्यंजनों का भी मजा नहीं ले पा रहे। कार्ड भुगतान की सुविधा वाले रेस्टोरेंटों में जाने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं है।-एजेंसी
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