जायरीनों के आनासागर में नहाने के प्रशासनिक प्रतिबंध पर मुस्लिम समाज का विरोध

Samachar Jagat | Tuesday, 21 Feb 2017 04:26:12 PM
Administrative sanctions in the bath of Jayrinon in Anasagr against Muslims

अजमेर। प्रशासन द्वारा आनासागर झील में जायरीनों के नहाने को लेकर लगाए गए प्रतिबंध के कारण मुस्लिम समाज के लोगों में रोष है। अजमेर में ख्वाजा साहब के 805वें सालाना उर्स के दौरान ऐतिहासिक आनासागर झील को प्रदूषण से बचाने के लिए आम जायरीनों के नहाने के लिउ प्रशासनिक प्रतिबन्ध लगाया था। इस फैसले को लेकर मुस्लिम समुदाय के लाग इसका विरोध कर रहे हैं।

क्षेत्रीय विधायक एवं शिक्षा राज्यमंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी की अध्यक्षता में शनिवार को हुई बैठक में यह प्रतिबन्ध लगाने का निर्णय लिया गया था। उर्स की तैयारी को लेकर हुई इस बैठक में कहा गया कि आनासागर के घाटों पर इस बार जायरीनों के नहाने पर पाबंदी रहेगी। इसी बात से खफा मुस्लिम समाज का विरोध सोमवार से जारी है।

दरगाह परिसर में दरगाह कमेटी के खिलाफ किए गए प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने अपना निर्णय नहीं बदला तो आंदोलन किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने दोनों अंजुमनों, दरगाह कमेटी एवं दरगाह दीवान के व्यवहार की भी आलोचना की है कि जब यह लोग बैठक में मौजूद थें तो फिर इस निर्णय को चुपचाप कैसे सुनते रहे।

देश के दूरदराज से मेले में आने वाले जायरीन कहां नहाएंगे। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि प्रदूषण के नाम पर आनासागर के पानी को बचाने की प्रशासनिक सोच गंदी है। उन्होंने कहा कि धार्मिक रस्मों के लिए जायरीन यहां गुसल एवं वजू जैसे कर्म करते हंै इससे धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचना लाजमी है और किसी का पानी रोकना धर्म के खिलाफ है। प्रदर्शन में एसएफ मोबिन चिश्ती, सलीम चिश्ती, मेहराज चिश्ती, इस्माइल चिश्ती, अयाज चिश्ती, उस्मान घडिय़ाली सहित मुस्लिम समाज के लोग मौजूद रहे।

गौरतलब है कि पुष्कर विश्राम स्थली पर प्रशासन ने जायरीनों को ठहराना बंद कर रखा है और उन्हें कायड़ विश्राम स्थली पर ठहराया जाता है जहां प्रशासन की ओर से पानी की माकूल व्यवस्था रहती है लेकिन वर्षों से उर्स मेले में आने वाले जायरीन आनासागर के उपयोग का लुत्फ उठाते रहे हंै। प्रदर्शनकारियों ने आनासागर में नहाने और वहां सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने की मांग की है।
वार्ता
 



 

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