श्रीनगर। श्रीनगर में आज सैकड़ों रेहड़ी पटरी वालों ने साप्ताहिक बाजार में अपनी दुकानें लगाईं जबकि 500 और 1000 रूपये के नोटों को बंद करने के मद्देनजर समूचे कश्मीर में बैंकों में उपभोक्ताओं की भीड़ रही। अशांति से प्रभावित घाटी में यह समान्य स्थिति लौटने की झलक है।
जुलाई के महीने में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी को मार गिराने के बाद कश्मीर में अशांति से जनजीवन पंगु बना हुआ था।
अधिकारियों ने कहा कि श्रीनगर में लोगों की गतिविधियों में और बसों को छोड़ सार्वजनिक परिवहन में बढ़ोतरी देखी गई है। निजी गाडिय़ों के अलावा ऑटो रिक्शा और अंतर जिला कैब भी बड़ी संख्या में चल रही हैं।
उन्होंने कहा कि सैकड़ों रेहड़ी पटरी वालों ने इतवार बाजार में अपनी दुकानें लगाई हैं और टीआरसी चौक-बटमालू पर सर्दियों की खरीदारी करने के लिए लोगों की भीड़ रही। अधिकारियों ने बताया कि सिविल लाइंस और शहर के बाहरी इलाकों के साथ ही अन्य जिलों के कुछ ग्रामीण इलाकों में भी दुकानें खोली गईं थीं।
समूची घाटी में बैंक खुले हुए थे और उपभोक्ता 500 और 1000 रूपये के नोट बदलवाने के लिए कतारों में खड़े थे। बहरहाल, अलगाववादियों द्वारा प्रायोजित हड़ताल की वजह से घाटी के बाकी के हिस्सों में ज्यादा दुकानें, ईंधन केंद्र और अन्य कारोबारी प्रतिष्ठान बंद ही रहे।
अलगाववादियों ने साप्ताहिक प्रदर्शन का कार्यक्रम घोषित किया है। घाटी में अशांति की वजह से दो पुलिसकर्मियों सहित 85 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि कई हजार अन्य जख्मी हैं। संघर्षों में तकरीबन 5000 सुरक्षा कर्मी भी घायल हुए हैं। -एजेंसी