इस्लामाबाद। विपक्षी दलों ने आज कहा कि कश्मीर मुद्दे को उठाने के लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा मनोनीत 22 सांसदों की कोई विश्वसनीयता नहीं है क्योंकि उनमें से ज्यादातर की संसद में उपस्थिति बहुत कम है।
शरीफ ने शनिवार को 22 सांसदों को विशेष दूत नियुक्त किया था जो विश्व की प्रमुख राजधानियों में जाकर कश्मीर में भारत के कथित अत्याचारों को रेखांकित करेंगे। इनमें से ज्यादातर सांसद सत्ता पक्ष के हैं।
पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) के नेता असद उमर और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी पीपीपी के सीनेटर ताज हैदर ने कहा कि सरकार को विपक्ष दलों के सदस्यों को भी इसमें शामिल करना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि कश्मीर को बेहतर ढंग से वैश्विक स्तर पर केवल तब ही उठाया जा सकता है जब सरकार विपक्षी दलों के साथ मिलकर काम करे।
असद ने कहा कि ज्यादातर मनोनीत सांसदों ने संसद की चर्चाओं में भाग तक नहीं लिया। उन्होंने सवाल किया कि वे कश्मीर मुद्दे को कैसे पेश कर सकते हैं।
उमर ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नवाज अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के सामने कश्मीर मुद्दा उठाने को तैयार नहीं हैं।’’
उन्होंने कहा कि सरकार ने सत्तारूढ पीएमएल एन को मजबूत करने के लिए 22 सांसदों को विशेष दूत बनाया है।