जब नवग्रह डालते हैं व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव तो वह हो जाता है इन बीमारियों का शिकार

Samachar Jagat | Saturday, 18 Feb 2017 04:58:03 PM
Let Navagraha impact on the person's life when he becomes a victim of these diseases

नवग्रहों का व्यक्ति की जिंदगी में बहुत महत्व होता है। व्यक्ति की कुंडली में अगर नवग्रहों की स्थिति खराब हो तो उसे कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वहीं नवग्रह व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। हम आपको यहां नवग्रहों और उनके प्रभाव से व्यक्ति को होने वाले रोगों के बारे में बता रहे हैं.....

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सूर्य :-

सूर्य नवग्रहों में सबसे पहला ग्रह है। अगर किसी व्यक्ति की राशि में सूर्य की स्थिति सही नहीं हो, तो माना जाता है कि उसकी कुंडली में सूर्य की खराब दशा चल रही है। सूर्य यदि खराब हो, तो वह करियर, धन और सेहत से जुड़ी समस्याएं (दिल से जुड़ी समस्याएं, ब्लड प्रेशर, ब्लड सर्कुलेशन) पैदा कर सकता है।

चंद्र :-

चंद्र आपकी छाती, आंखें, खून, पानी, जेनेरेटिव सिस्टम, पानी का मालिक होता है। अगर चंद्र ठीक न हो तो यूरिनरी प्रॉब्लम, ड्रॉप्सी, कोलाइटिस, ब्रोंकाइटिस, वैरिकोज और ऐब्डोमन से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं।

मंगल :-

मंगल इंसान के शरीर का मसक्युलर सिस्टम कंट्रोल करता है। अगर किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल की स्थिति बेहद खराब हो, तो यह ब्लड क्लॉट, ब्रेन फीवर, लंग्स प्रॉब्लम्स, टाइफॉइड और ब्लड से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकता है।

बुध :-

बुध जहां मनुष्य की जीभा, नाड़ी, सांस, सेल्स और नर्वस सिस्टम को कंट्रोल करता है, वहीं यह हवा को भी अपने नियंत्रण में रखता है। इस ग्रह के कमजोर होने से नाक से जुड़ी समस्या, हकलाने की समस्या, ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, पैरालिसिस, नर्वस डिसऑर्डर आदि बीमारियां हो सकती हैं।

गुरु :-

थाई, मांस, फैट, किडनी, लिवर और आर्टेरियल सिस्टम का मालिक ग्रह है गुरु। अगर किसी की कुंडली में बुरी तरह प्रभावित हो, तो यह गठिया, डायबीटीज, पाइल्स, ट्यूमर, ब्लड कैंसर और लिवर मालफंक्शन जैसी गंभीर बीमारियां पैदा कर सकता है।

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शुक्र :-

शुक्र त्वचा, चेहरा, आंखें, जेनेरेटिव सिस्टम, सीमेन औक डाइजेस्टिव सिस्टम को नियंत्रित करता है। जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह के दोषी होने पर व्यक्ति को आंखों, त्वचा से जुड़ी बीमारी, वेनेरियल प्रॉब्लम, इनडाइजेस्शन, भूख कम लगना, यहां तक कि नपुंसकता तक हो सकती है।

शनि :-

पांव, घुटनों, दिमाग, एसिड्स, बोन मैरो, सीक्रेटिव सिस्टम, रिब्स, बाल, नाखून, इन सभी का मालिक होता है शनि। यह जन्म से ही व्यक्ति की कुंडली में जुड़ जाता है। शनि ग्रह यदि खराब हो, तो यह अर्थराइटिस, रयूमैटिज्म, गठिया, बोन टीबी, अस्थमा, कोल्ड, नाखूनों में फंगस, बालों का झड़ना और नपुंसकता जैसी समस्या भी दे सकता है।

राहु और केतु :-

राहु और केतु मनुष्य को समस्याएं देने, उन्हें तबाह करने, उन्हें किसी न किसी तरह से नुकसान पहुंचाने के लिए ही होते हैं।

(Source-Google)

(ये सभी जानकारियां शास्त्रों और ग्रंथों में वर्णित हैं, लेकिन इन्हें अपनाने से पहले किसी विशेष पंडित या ज्योतिषी की सलाह अवश्य ले लें।)

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